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बादलों ने मुहब्बत की बारिश किया यूं _……कला सरोकार एवं फिराक गोरखपुरी साहित्यिक मंच की ओर से फिराक जयंती पर उरुवा स्थित शिव मंदिर परिसर में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ –
उरुवा बाजार। रघुपति सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी की जयंती के उपलक्ष्य में कला सरोकार एवं फिराक गोरखपुरी साहित्यिक मंच की ओर से उरुवा कस्बे में स्थित शिव मंदिर परिसर में सोमवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।कवियों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति देकर खूब वाहवाही लूटी।
गौतम गोरखपुरी ने अपनी रचना बादलों ने मुहब्बत की बारिश किया यूं ,नदी जब नहाई गजल हो गई _ _ प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी।
काजल सिंह की रचना मुझे तुम बिन ये सब अधूरे से लगते हैं, ये राहें ये गालियां ये हंसी ये ठिठुलियां, मुझे तुम बिन ये सब अधूरे से लगते हैं की प्रस्तुति ने खूब तालियां बटोरीं।
महीप श्रीवास्तव की रचना अक्षर-अक्षर यूं ही संवारते चले गए, शब्द-शब्द दिलों में उतारते चले गए, हर पंक्ति हर मुखड़े यूं जिया हमने, जिंदगी पर किताब छपते चले गए की प्रस्तुति पर लोग मंत्रमुग्ध हो गए।ख़्वाब में आती-जाती रही रात भर।
याद उसकी सताती रही रात भर।
कुछ न बोली जो पूछा तुम्हें प्यार है!
बस खड़ी मुस्कुराती रही रात भर।
निर्भय निनाद ने सुनाया अन्य शायरों में तालिब गोरखपुरी सुल्तान अहमद दिग्विजय नाथ मिश्र, मोहसिन, आदर्श कौशिक, विश्वजीत, अरुण दुबे, मनोज, मनप्रीत सागर आदि ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत करके श्रोताओं को मंत्र मुक्त किया
कार्यक्रम की अध्यक्षता – वरिष्ठ कवि रमेश तिवारी मैं किया मुख्य अतिथि समाजसेवी कैलाश सिंह व संचालन प्रवीण श्रीवास्तव ने किया।इस अवसर पर श्रवण जायसवाल जीवन सिंह संतोष कुमार सत्येंद्र सिंह संदीप सिंह , अशोक सेठ ,छोटे लाल यादव, दयानंद तिवारी, प्रताप जायसवाल शुभम राय प्रमोद कुमार प्रदीप गोस्वामी मनजीत आदि मौजूद रह