-धूमधाम से मनाया गया विज्ञान नगरी का 34वाँ स्थापना दिवस-हुआ प्रतियोगिताओं का आयोजन -पुरस्कार वितरण से संपन्न हुयी आंचलिक विज्ञान नगरी की 34वीं वर्षगांठ- -बच्चों में वैज्ञानिकता को बढ़ावा देकर देश सेवा कर रही है विज्ञान नगरी-एम0 अंसारी -विज्ञान नगरी की गैलरियों के वैज्ञानिक प्रदर्श है मुख्य आकर्षण के केन्द्र- ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय लखनऊ. राजधानी के अलीगंज स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण के साथ 34वीं वर्षगांठ संपन्न हुयी। दिनांक सात सितंबर से इक्कीस सितम्बर तक चले आयोजन में राजधानी के स्कूली बच्चों के लिये अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं में करीब एक हजार से अधिक स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया। विजेजा बच्चों को पुरस्कार, प्रमाण-पत्र व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विज्ञान नगरी के परियोजना समन्वयक एम0 असांरी ने कहा कि विज्ञान नगरी अपने वैज्ञानिक क्रिया-कलापों एव विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से पिछले 34 वर्षाें से बच्चों मेे वैज्ञानिक अभिरूचि उत्पन्न कर रहा है। दूर-दराज के इलाकों के लिये विज्ञान नगरी में दो मोबाइल बसें है जो समय-समय पर गांवों और कस्बों में जाकर बच्चों में वैज्ञानिक रूचि उत्पन्न कर रही है। पुरस्कार वितरण के अवसर पर विज्ञान नगरी के शिक्षा अधिकारी राम कुमार ने बताया कि 34वीं वर्षगांठ के अवसर पर क्विज व पोस्टर प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ-साथ आम जन-मानस के लिये टेलीस्कोप के माध्यम से आकाश दर्शन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। साथ ही लोगों ने 3-डी शो, साइमैक्स व यहां की गैलरी में वैज्ञानिक प्रदर्शों को भी देखा। उन्होनें बताया कि 7 सितम्बर 1989 में आंचलिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना हुयी थी तथा 21 सितंबर को इसका उच्चीकरण कर इसे आंचलिक विज्ञान नगरी में बदल दिया गया था

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-धूमधाम से मनाया गया विज्ञान नगरी का 34वाँ स्थापना दिवस-हुआ प्रतियोगिताओं का आयोजन
-पुरस्कार वितरण से संपन्न हुयी आंचलिक विज्ञान नगरी की 34वीं वर्षगांठ-
-बच्चों में वैज्ञानिकता को बढ़ावा देकर देश सेवा कर रही है विज्ञान नगरी-एम0 अंसारी
-विज्ञान नगरी की गैलरियों के वैज्ञानिक प्रदर्श है मुख्य आकर्षण के केन्द्र-

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ. राजधानी के अलीगंज स्थित आंचलिक विज्ञान नगरी में प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण के साथ 34वीं वर्षगांठ संपन्न हुयी। दिनांक सात सितंबर से इक्कीस सितम्बर तक चले आयोजन में राजधानी के स्कूली बच्चों के लिये अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं में करीब एक हजार से अधिक स्कूली बच्चों ने प्रतिभाग किया। विजेजा बच्चों को पुरस्कार, प्रमाण-पत्र व मेडल प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विज्ञान नगरी के परियोजना समन्वयक एम0 असांरी ने कहा कि विज्ञान नगरी अपने वैज्ञानिक क्रिया-कलापों एव विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों के माध्यम से पिछले 34 वर्षाें से बच्चों मेे वैज्ञानिक अभिरूचि उत्पन्न कर रहा है। दूर-दराज के इलाकों के लिये विज्ञान नगरी में दो मोबाइल बसें है जो समय-समय पर गांवों और कस्बों में जाकर बच्चों में वैज्ञानिक रूचि उत्पन्न कर रही है।
पुरस्कार वितरण के अवसर पर विज्ञान नगरी के शिक्षा अधिकारी राम कुमार ने बताया कि 34वीं वर्षगांठ के अवसर पर क्विज व पोस्टर प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ-साथ आम जन-मानस के लिये टेलीस्कोप के माध्यम से आकाश दर्शन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। साथ ही लोगों ने 3-डी शो, साइमैक्स व यहां की गैलरी में वैज्ञानिक प्रदर्शों को भी देखा। उन्होनें बताया कि 7 सितम्बर 1989 में आंचलिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना हुयी थी तथा 21 सितंबर को इसका उच्चीकरण कर इसे आंचलिक विज्ञान नगरी में बदल दिया गया था।

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