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सूकरखेत पांच कोसी परिक्रमा आज
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
गोण्डा। प्राचीन काल से धर्म प्रधान भारत देश में धाम की महती महत्ता रही है। चारधाम के रूप में बद्रीनाथ, जगन्नाथपुरी, द्वारका एवं रामेश्वरम् श्रद्धा एवं आस्था के केन्द्र रहे हैं। उत्तराखंड के चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ के रूप में स्थित हैं। इसी प्रकार से सूकरखेत गोंडा के चार धाम वाराह, वाराही, नरहरि और तुलसीधाम भी लोगों की निष्ठा के प्रतीक बने हुए हैं। सूकरखेत में वाराह भगवान मन्दिर, गोस्वामी तुलसीदास के गुरु नरहरिदास का आश्रम है जहाँ गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने गुरु से राम कथा श्रवण किया था। इसी के पास रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि राजापुर सूकरखेत गोंडा भी भक्तजनों के आकर्षण का केंद्र रहा है। सूकरखेत परिक्रमा प्रतिवर्ष की जाती है। इस परिक्रमा में वाराह भगवान, गुरु नरहरिदास आश्रम एवं गोस्वामी तुलसीदास की जन्मभूमि राजापुर पौष शुक्ल एकादशी को प्रतिवर्ष साधु संत एवं भक्तजनों द्वारा यह पांच कोसी सूकरखेत परिक्रमा की जाती है। प्रातः 7:00 बजे से परिक्रमा शुभारंभ होकर पूरे दिन परिक्रमा की जाती है। डॉ. स्वामी भगवदाचार्य अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष सनातन धर्म परिषद ने उक्त जानकारी दी।