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बारहवें नंदिनी लोकमित्र शिविर धुलिया का समापन गांधी तीर्थ जलगांव में सम्पन्न
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
धुलिया, महाराष्ट्र। विनोबा विचार प्रवाह के सूत्रधार रमेश भइया ने बताया कि नंदिनी लोकमित्र शिविर का तीसरा दिवस अत्यंत सुंदर रहा। सबेरे धुलिया में बर्वे कन्या छात्रालय से स्वल्पाहार करके जलगांव के लिए निकलना हुआ। रास्ते में पद्मालय तीर्थ पर गए जहां शिव और गणपति के अनेक रूप देखने को मिले। पूजा अर्चना अनेक लोगों ने की। वहां की कहानी पांडव काल की थी। भीम ने यहां पर युद्ध किया था उनके पैरों के निशान भी दिखते हैं। एकछत्र नगरी स्थान का नाम बताया गया। गांधी रिसर्च फाउंडेशन जलगांव पहुंचने पर श्री अनिलेश जी ने सभी का स्वागत किया।आगे उदय महाजन जी जो कोर टीम के व्यक्ति हैं उन्होंने जी आर एफ की जानकारी दी। फिर हम सब भोजनालय में गए बहुत ही सुंदर भोजन किया। तत्पश्चात डा अश्विनी झाला जी के साथ गांधी तीर्थ में गांधी म्यूजियम देखने गए जहां हम सभी को दो टीमों में बांट दिया गया। सवा दो बजे शुरू हुआ भ्रमण और सवा चार बजे निकल पाए। इसका निर्माण श्रद्धेय भंवर लाल जैन ने अपने जीवन काल में ही 16 माह 20 दिन में 21 करोड़ में निर्माण कराया था।श्रद्धा भूमि अर्थात संस्थापक भंवर लाल जैन जी की समाधि पर गए वहां प्रार्थना की। आदरणीय भंवर लाल जैन जी गांधी जी के जीवन से प्रभावित हुए थे।जब उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हुई। तब उन्होंने गांधी तीर्थ की स्थापना की। वर्ष 2010 _ 11 में दैनिक निर्माण प्रगति को फिल्म द्वारा दिखाया। संग्रहालय देखकर वापस आने पर खादी और किताबों की खरीद बहुत लोगों ने की। प्रार्थना भूमि *गांधी की खोज में* स्थल के आंचल में लक्ष्मी आश्रम कोसानी अल्मोड़ा की आशा बहन के नेतृत्व में छः बहनों की टीम 10 दिन के प्रशिक्षण पर आई थी। उस टीम ने धरती मां पहली रोटी किसको दे । धरती मां से पहली रोटी मांगने नेता,सैनिक साहूकार, जुलाहा सभी मांगने आए और अपना अधिकार सिद्ध करने की कोशिश की।लेकिन मां ने वह पहली रोटी किसान के ही हांथ में दी। नंदिनी शिविर के समापन में सभी को।प्रमाणपत्र ज्योति दीदी,उदय महाजन भाई गीता धर्मपाल बहन, अश्विनी झाला और निर्मला अश्विन, विमला बहन के हाथों वितरित किए गए। सभी का नाम प्राची बहन ने बुलाया।आदरणीय रमेश दाणे और मधुकर भाई का बहुत संबंध गांधी रिसर्च फाउंडेशन से है। जिनके कारण ही आज का सुंदर समापन गांधी तीर्थ में संभव हो सका। संजय राय ने शिविर की जानकारी और ज्योति दीदी ने अपना आशीर्वाद संबोधन दिया। सभी का आभार कृष्णा सिरसठ ने दिया। बहुत सुंदर सभी की विदाई हुई।