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17 फरवरी – श्रीरामचरितमानस,
नमो राघवाय 🙏
प्रनतपाल रघुनायक
करुना सिंधु खरारि ।
गएँ सरन प्रभु राखिहैं
तव अपराध बिसारि ।।
( सुंदरकांड , दो. 22)
राम राम 🙏🙏
हनुमान जी को मेघनाद ने नागपाश से बांध कर रावण के दरबार में लाया है । रावण हनुमान जी से अनेकों प्रश्न पूछता है । हनुमान जी उन सबका उत्तर देते हैं व फिर कहते हैं कि राम जी शरणागत की रक्षा करते हैं और दया के सागर हैं । शरण में जाने पर राम जी तुम्हारा भी अपराध भुलाकर तुम्हें अपनी शरण में रख लेंगे ।
जिसने जिसने भी राम जी की शरण ली है राम जी ने उन सबको क्षमा किया है । अपराध करना जीव का स्वभाव है जबकि क्षमा करना राम जी का गुण है । अतएव राम जी के गुणों को स्मरण करते हुए राम जी की शरण लें । अथ ! जय जय राम, जय जय राम 🚩🚩🚩