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महादेव शाखा का वार्षिक उत्सव सम्पन्न
अगले वर्ष आरएसएस अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत की भारतीयता को आत्मसात करता है।
आज महानगर मे आयोजित महादेव शाखा के वार्षिक उत्सव मे बौद्धिक देते हुए प्रान्त प्रचारक कौशल जी ने बताया कि किन परिस्थितियो मे माननीय प्रथम सर संचालक केशव बलिराम हेडगेवार जी ने 1925 मे नागपुर मे अपने छोटे से घर के एक कमरे मे कैसे संगठन के सृजन की आधारशिला रखी थी।कैसे गुलाम भारत मे जबकि संचार, आवागमन के साधनो की विपन्नता के बावजूद मात्र स्थापना के डेढ दशक मे संगठन की रचना संपूर्ण भारत मे विस्तारित हो गई।
आज संगठन का स्वरूप वैश्विक हो गया है। आज संगठन की आयु लगभग 99 वर्ष की हो गयी है।अगले वर्ष संगठन अपना शताब्दी वर्ष मनाएगा।आज विश्व के 50से अधिक राष्ट्रो मे संगठन अपने स्वयंसेवक व शाखा के सहारे विस्तार पा चुका है।
संगठन अपने आरम्भ से ही गण्यमान्य लोगो को आकर्षित करता रहा है। गाधी जी स्वयं अपने छुआछुत आन्दोलन के क्रम मे वर्धा मे यह देखने गए थे कि संघ जिसको बने मात्र 9 वर्ष हुए थे ,की शाखाओ मे कैसे जातिविहीन सम रसता पर आधारित रचना की गई है।गाधी जी ने संघ के समरसता व जातिविहीन पद्धति की प्रसंशा की थी। डा भीमराव बाबासाहब अम्बेडकर जी स्थापना के चौदहवे वर्ष मे यही जानने गए थे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी तो संघ की राष्ट्र भक्ति को जानने 1940 मे नागपुर गये थे।पूर्व राष्ट्र पति प्रणव मुखर्जी ने बताया था कि कैसे संघ की वनवासी संगठन आदिवासियो के मध्य विपरीत परिस्थिति मे सराहनीय कार्य कर रहे है। राष्ट्र पति जी ने पदविरत उपरांत संघ तृतीय वर्ष शिक्षा वर्ष की अध्यक्षता की थी।
संघ की आत्मा भारत राष्ट्र है तो शाखा उसकी धमनिया है। शाखा मे व्यक्ति निर्माण किया जाता है।व्यक्ति को आरम्भ से ही निर्णय लेने की क्षमता को विकसित किया जाता है। इसी का परिणाम है कि आज अनेक स्वयंसेवक इसी प्रक्रिया से आगे बढ़कर राष्ट्र के गौरव का उन्नयन कर रहे है। जहा एक समय लोग अपने आपको एक्सीडेंटल हिन्दू कहते थे।वही स्वामी विवेकानंद व संघ की शाखाए हिन्दुत्व को गौरवान्वित करतीहै।कार्यक्रम मे शाखा स्वयंसेवक के साथ नगर,भाग,विभाग के दायित्वधारी के मार्गदर्शन मे सम्पन्न हुआ।