Getting your Trinity Audio player ready...
|
18 मार्च- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
अवसि चलिअ बन रामु जहँ
भरत मंत्रु भल कीन्ह ।
सोक सिंधु बूडत सबहि
तुम्ह अवलंबनु दीन्ह ।।
( अयोध्याकाण्ड, दो. 184)
राम राम 🙏🙏
राम जी सीता व लक्ष्मण सहित वन चले गये हैं । भरत जी ननिहाल से बुलाए जाते हैं । वे आकर राम जी के वन गमन को सुनकर पिता मरन का दुख भूल जाते हैं । सभी मिलकर उन्हें अयोध्या का राज सौंपते हैं परंतु भरत राम जी के दर्शन के अभिलाषी हैं । वे राम जी के पास चलने का निर्णय करते हैं । इस निर्णय से खुश सभी अयोध्यावासी कहते हैं कि हे भरत ! आप वन को ज़रूर चलें जहाँ राम जी हैं । आपने अच्छा विचार किया । शोक के सागर में डूबते हुए सब लोगों को आपने सहारा दे दिया ।
राम जी का साथ करना जीव का सबसे अच्छा विचार है कारण राम जी सबके सहारा हैं , सबसे बड़े सहारा हैं । जो ऐसा विचार करें वह धन्य है , जो हमें राम उन्मुख करें वह धन्य है । अस्तु शोक में हों या हर्ष में , सदा राम साहचर्य की लालसा रखें ,राम समीपता पाने के लिए लालायित रहें । अथ ! जय जय राम, जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ