श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

30 मार्च- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

धर्म हेतु अवतरेहु गोसाईं ।
मारेहु मोहि ब्याध की नाईं ।।
मैं बैरी सुग्रीव पिआरा ।
अवगुन कवन नाथ मोहि मारा ।।
( किष्किंधाकांड 8/3)
राम राम 🙏🙏
हनुमान जी ने सुग्रीव की मित्रता राम जी से कराई है । राम जी ने सुग्रीव को बालि से लड़ने के लिए भेजा है । सुग्रीव ने बहुत प्रयत्न किया पर अंत में हार मान ली है तब राम ने बालि को बाण मारा है । बालि राम जी से कहता है कि धर्म की रक्षा के लिए आपने अवतार लिया है और मुझे व्याध की तरह छिपकर मारा । मैं वैरी और सुग्रीव प्रिय, किस अवगुण के कारण नाथ !आपने मुझे मारा ।
हमारी आपकी भी स्थिति बालि जैसी ही है , हमेशा दूसरे से प्रश्न ही करते रहते हैं । बालि ने यदि राम भजन किया होता तो यह प्रश्न वह नहीं करता । अपने अवगुण तो राम भजन करने वाला ही जान सकता है , अपना भजन करने वाला नही । अतएव अपने अवगुण जानना चाहते हैं राम भजें , सियाराम भजें । अस्तु ! राम भजें, सियाराम भजें 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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