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ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है !
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। बार काउंसिल ऑफ़ उत्तर प्रदेश सदस्य पद के प्रत्याशी रामउग्रह शुक्ल ने बताया कि मुझको अपनी बड़ी बहन आदरणीया रंजना अग्निहोत्री से आशीर्वाद लेने का सौभाग्य उनके चैमबर पर मिला , सुश्री रंजना अग्निहोत्री राम जन्म भूमि मुकदमे में रामलला की वकील रहीं हैं, अब कृष्ण जन्मभूमि की भी वकील हैं,सबको पता है ये प्रदेश या देश स्तर पर कोई परिचय की मोहताज नहीं हैं बल्कि राम जन्मभूमि से इनको अंतर्राष्ट्रीय ख्याति मिली है, ये हमको भाई मानती हैं और मैं इनसे 1990 से लगातार 33 सालों से राखी बंधवाता आ रहा हूँ, ऎसे में इन्होने एक बड़ी बहन के रिश्ते हम से कहा मैं प्रस्तावक भी बनूंगी और चुनाव में मैं सभी जिलों में जहाँ जहाँ जरूरत होगी साथ में चलूंगी और ये वोट अपने लिए वोट मांगूंगी, सुश्री रंजना अग्निहोत्री पूर्णाभिशिक्त साधक हैं राम भक्ति कृष्ण भक्ति में लीन हों चुकी हैं ऎसे में इनका आशीर्वाद मेरे लिए दैवीय शक्ति है , इनका पूरा खानदान वकील है , वहीं इनके छोटे भाई रत्नेश कांत अग्निहोत्री सीनियर अधिवक्ता भी वहीं पर मिले और उन्होंने कहा कि बहन जी के आशीर्वाद से अब चुनाव एकतरफा हों रहा है! मैं 40 जिलों का भ्रमण पूरा करके पूर्वांचल और बुन्देल खंड झाँसी मंडल की ओर तैयारी में लगा हूँ इस मामले में बाकी प्रत्याशी अभी तैयारी कर रहें हैं, कई जिलों में मेरी प्रभावी रिश्तेदारियां हैं और मेरे साथ में पढ़ें वकील कई जिलों में हैं कुछ न्यायिक सेवा में भी हैं जो दिल से मेरी जीत की कामना करते हैं !
अधिवक्ताओं में मेरे जुझारूपन, क्षमता, समर्पण, त्याग और अधिवक्ता हितों की मांगों को लेकर मेरे लडाई लड़ने के कौशल की सराहना की है और अधिकांश ने मुझे प्रथम वरीयता का वोट देने का संकल्प भी सार्वजनिक रूप से लिया है ये प्यार आशीर्वाद देखकर मैं सभी भाइयों का ऋणी हों चुका हूँ और जिलों जिलों में मेरे घूमने का यहीं संबल बना हुआ है !!
मैं अंत में आपसे कहना चाहता हूं कि
मेरी हिम्मत को सराहो मेरे हमराह चलो!
मैंने इक शमां जलाई है इन हवाओं के खिलाफ!!
हम करें बात दलीलों से तो रद होती है,
उनके होठों की ख़मोशी भी सनद होती है !
कुछ न कहने से भी छिन जाता है एजाज़े सुख़न
ज़ुल्म सहने से भी ज़ालिम की मदद होती है !