श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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01 अप्रैल श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

नमो राघवाय 🙏

बिबसहुँ जासु नाम नर कहहीं ।
जनम अनेक रचित अघ दहहीं ।।
सादर सुमिरन जे नर करहीं ।
भव बारिधि गोपद इव तरहीं ।।
( बालकांड 118/2)
राम राम 🙏🙏
भगवान शिव पार्वती जी को राम कथा सुनाते हुए कहते हैं कि बिना इच्छा के भी जिसका नाम लेने से मनुष्यों के अनेकों जन्मों के पाप जल जाते हैं तथा जो मनुष्य आदरपूर्वक उनका स्मरण करता है वह कठिन संसार सागर को बिना श्रम के पार कर लेता है ।
इस जगत में कितनी कठिनाई हैं हम सब खूब महसूस कर रहें हैं । शिव जी ने इस कठिन परेशानी से पार पाने का सरल उपाय सुलभ कराया है । वह उपाय है राम नाम सुमिरन । पुनि सुमिरन में आप अपना यदि प्रेम भी लगा देते हैं तब तो जगत में व्यवहार करना और आसान हो जाता है । अस्तु ! अपना प्रेम जो आपने अभी तक अन्यत्र लगा रखा है उसे राम नाम स्मरण में लगाएँ व सुखी हो जाएँ । अतएव प्रेम से ! श्रीराम जय राम जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरुण जी लखनऊ,

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