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14 अप्रैल – श्रीरामचरितमानस भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

ध्यानु प्रथम जुग मखबिधि दूजें ।
द्वापर परितोषत प्रभु पूजें ।।
कलि केवल मल मूल मलीना ।
पाप पयोनिधि जन मन मीना ।।
नाम कामतरु काल कराला ।
सुमिरत समन सकल जग जाला
(बालकांड 26/2-3)
राम राम🙏🙏
मानस जी के आरंभ में राम नाम की महिमा प्रतिष्ठित करते हुए तुलसी बाबा कहते हैं कि सतयुग में ध्यान से , त्रेता में यज्ञ से और द्वापर में पूजा से भगवान प्रसन्न होते हैं । परंतु कलियुग तो केवल पापों की जड़ एवं पाप का सागर है । इसमें मानव का मन पाप सागर में मछली की तरह सदा डूबा हुआ रहता है । ऐसे कलियुग में राम नाम कल्पवृक्ष समान है जिसका स्मरण करते ही संसार के सारे जंजाल नष्ट हो जाते हैं ।
राम नाम अति पावन हैं और सब अपावन है । इसीलिए जो भी इसे अपना लेता है वह खुद भी पावन हो जाता है । कलियुग के लिए यह कल्पवृक्ष है । इसके सहारे संसार के सारे बुरे बंधन काटे जा सकते हैं । अतएव ऐसे बुरे समय में प्यारे केवल ! नाम रट , नाम रट , राम राम नाम रट 🚩🚩🚩
संकलन तरुण जी लखनऊ

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