श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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25 अप्रैल- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

सुनु कपि तोहि समान उपकारी ।
नहिं कोउ सुर नर मुनि तनुधारी ।
प्रति उपकार करौं का तोरा ।
सनमुख होइ न सकत मन मोरा ।
( सुंदरकांड 31/3)
राम राम 🙏🙏
हनुमान जी लंका जलाकर वापस आ गये हैं , सीता जी लंका में कैसे रह रही हैं राम जी को वे सब बताते हैं । उनकी बातें सुनकर राम जी कहते हैं कि हनुमान! तुम्हारे समान उपकार करने वाला कोई देवता , मनुष्य, मुनि नहीं है । तुम्हारे उपकार के बदले मैं तुम्हारा क्या उपकार करू , मेरा मन भी तुम्हारा सामना नहीं कर सकता है ।
हम उपकारी बनें , इतना उपकार रत हो जाए कि भगवान भी हमारे बारे में सोच में पड़ जाएँ । जितना उपकार आप करेंगे उतना ही प्रभु पद के समीप होंगे । अथ! जय जय राम, जय जय हनुमान 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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