बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है, बाल विवाह कुरीति को समाप्त किये जाने हेतु प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होना पड़ेगा : जिला प्रोबेशन अधिकारी

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सुलतानपुर  :   जिला प्रोबेशन अधिकारी अशोक कुमार ने  बताया कि 14 मई को अक्षय तृतीया का पर्व पड़ रहा है, इस पर्व पर बाल विवाह कराये जाने कुप्रथा की प्रबल रहती है। बाल विवाह प्रतिरोध अधिनियम 2006 के अन्तर्गत बाल विवाह एक दण्डनीय अपराध है तथा बाल विवाह में हिस्सा लेने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रविधान है। समाज में शिक्षित न होने के कारण लोग लड़के एवं लड़की के विवाह हेतु निर्धारित आयु क्रमशः 21 एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। प्रायः इस प्रकार के विवाह ‘‘अक्षय तृतीया‘‘ (आखा तीजा) जैसे अवसरों पर होते हैं। समाज में फैली इस कुरीति को समाप्त करने हेतु समाज के प्रत्येक व्यक्ति को जागरूक होने होगा। तभी इस कुरीति समाप्त होगी।
उन्होंने जन सामान्य से अपील की है कि जनपद में यदि किसी को बाल विवाह की जानकारी मिले, तो वह इसकी सूचना चाइल्ड लाइन 1098, महिला हेल्प लाइन 181, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति मो0नं0-8382014428, जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला शक्ति केन्द्र एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी, कार्यालय मो0न0-7518024030 व सम्बन्धित थाने को दे सकते हैं।

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