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28 अप्रैल- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
झूठेहुँ हमहि दोषु जनि देहू ।
दुइ कै चारि मागि मकु लेहू ।।
रघुकुल रीति सदा चलि आई।
प्रान जाहुँ बरु बचन न जाई।।
( अयोध्याकाण्ड 27/2)
राम राम 🙏🙏
मंथरा के सिखाने पर कैकेई दशरथ जी से कहती हैं कि आप वर माँगने को कहते हैं पर देते नहीं हैं । मुझे तो अब उन्हें पाने में संदेह हो रहा है । इस पर दशरथ जी कहते हैं कि मुझे झूठे दोष न दो , दो के बदले चार माँग लो । रघुकुल की यह रीति है कि प्राण भले ही चले जायँ पर वचन ख़ाली नही जाता है ।
दिया गया वचन पूरा करना ही राम रीति है परंतु इसका आप तब आप पालन करेंगे जब आप राम जी से प्रेम करेंगे । अस्तु रघुकुल रीति को अपने जीवन की नीति बनाकर राम जी का प्रेम प्राप्त करें । अथ ! जय जय राम, जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ