श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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14 मई – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

सुनु खगेस हरि भगति बिहाई ।
जे सुख चाहहिं आन उपाई।
ते सठ महासिंधु बिनु तरनी ।
पैरि पार चाहहिं जड. करनी ।।
( उत्तरकांड 114/2)
राम राम 🙏🙏
गरुड़ महराज को अपने कौआ होने की कथा सुनाने के बाद काकभुसुंडि जी कहते हैं कि हे पक्षिराज ! सुनिए, जो लोग भगवान की भक्ति छोड़कर दूसरे उपायों से सुख पाना चाहते हैं वे मूर्ख व जड़ करनी वाले हैं तथा ऐसे लोग बिना जहाज़ के तैरकर संसार सागर पार करना चाहते हैं ।
हम सब सुख चाहते है , इसके लिए अनेक उपाय करते हैं पर वे सब उपाय भगवान की भक्ति के बिना निष्फल व बेकार साबित होते हैं । वास्तविक सुख भक्ति में है,अत: सब उपाय छोड़कर भक्ति के लिए यत्न करें , प्रयत्न करें । अस्तु ! राम राम जय सीताराम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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