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कांग्रेस को अपनी गलत नीतियों व गलत कार्यप्रणाली के कारण सत्ता से होना पड़ा बाहर: मायावती
1-बसपा सुप्रीमो मायावती ने विपक्ष पार्टियों पर जमकर बोला हमला इस बार के चुनाव नही काम आएगा गारंटी, कांग्रेस हमेशा रही है आरक्षण के खिलाफ
जौनपुर,21मई । बसपा सुप्रीमो मंगलवार को ज़िलें की दोनों लोकसभा सीटों को सवंसा गांव से जनसभा को संबोधित किया। बसपा के दोनों सीटों के प्रत्याशियों के पक्ष में लोगों से वोट मांगा।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी पार्टी अपने दम पर दमदारी से चुनाव लड़ रही है। हमारी ऐसी पार्टी है जो सर्वसमाज को भागीदारी देते हुए बनारस मंडल के सर्वसमाज को चुनाव लड़ने का मौका दिया है। आज इतनी भीड़ देखकर मुझे भरोसा हुआ है कि हम चुनाव जीत रहे है। विपक्षियों पर हमलावर होते हुए कहा कि
कांग्रेस – बीजेपी सहयोगी दल के बारे में कहना चाहूंगी, कि आजादी के बाद शुरू से केंद्र व राज्य में भी ज्यादातर सत्ता कांग्रेस पार्टी के हाथों में केंद्रित रही है। किंतु इनके अधिकांश मामले में रही गलत नीतियों एवं गलत कार्यप्रणालीयों आदि की वजह से ही फिर इस पार्टी को केंद्र व काफी राज्यों में सत्ता से बाहर होना पड़ा। यही स्थिति इनकी सहयोगी पार्टीयों की बनी रही है।
जब आजादी के बाद केंद्र व देश के ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस पार्टी सत्ता में आयी ,केंद्र में जब पहली बार कांग्रेस की सरकार बनी थी। कांग्रेस की पहली सरकार में डॉ भीम राव अंबडेकर लां मिनिस्टर थे। कांग्रेस के मुखिया ने पंडित जवाहर लाल नेहरू एन्ड कंपनी से यह कहा भारतीय संविधान में एससी ,एसटी के लोगों को जो सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया जा रहा है उनका पूरा लाभ नही मिल पा रहा है। इनको पूरा लाभ मिलना चाहिए। संविधान में आर्टिकल 340 की व्यवस्था है। अति पिछड़ा जो लोग है उनको भी आरक्षण मिलना चाहिए तमाम और भी बातें थी जो कांग्रेस पार्टी के लोगों डॉ भीम राव अंबडेकर की बातों को नही माने । डॉ साहब इन सभी बातों से दुखी होकर मिनिस्ट्री पद से इस्तीफा दे दिया।
कांग्रेस के पुरखे भी आरक्षण विरोधी रहे
बसपा सुप्रीमो मायावती कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के चेले चपाटे कहते है कि हम आरक्षण के खिलाफ नही है। हम संविधान के खिलाफ नही है। इनके पुरखे ने तो संविधान के खिलाफ जाकर काम किया। और आरक्षण का पूरा लाभ आप लोगों को नही दिया था।
कांग्रेस पार्टी के चेले चपाटे वोट के लिए आरक्षण को लेकर बड़ी बड़ी बातें कह रहे है। इस मामले ने बीजेपी भी पीछे नही है। सभी पार्टियों की नियत,सोच आरक्षण के खिलाफ है। इसी नाते मुझे बसपा पार्टी बनाने की जरूरत पड़ी। अगर कांग्रेस पार्टी शुरू में अपनी जिम्मेदारी निष्ठापूर्वक निभाया होता तो मुझे बसपा पार्टी बनाने की जरूरत नही पड़ती और इतना ही जिसकी वजह से ही फिर कई वर्षो से बीजेपी व अन्य इनके सहयोगी दल केंद्र व काफी राज्यों में सत्ता में काबिज हो गए है। लेकिन इनकी भी ज्यादातर रही जातिवादी ,पूंजीवादी, संक्रिन, सम्प्रदाय, देवषपूर्ण नीतियों एवं कार्यप्रणाली आदि से तथा इनकी कथनीय व करनी से काफी अंतर होने की वजह से अब ऐसा लगता है। इस बार बीजेपी पार्टी भी केंद्र की सत्ता में आसानी से आने वाली नही है।
यदि इस बार ये चुनाव निष्पक्ष होता है और आम चर्चा के अनुसार अगर वोटिंग मशीन में गड़बड़ी नही होती है तो वैसे भी इस बार के चुनाव में चल रही नई पुरानी नाटकबाजी, जुमलेबाजी व गारंटी काम मे आने वाली नही है। क्योंकि देश की जनता काफी हद तक सब समझ चुकी है।