श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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10 जून – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

जासु पतित पावन बड़ बाना
गावहिं कबि श्रुति संत पुराना
ताहि भजहि मन तजि कुटिलाई
राम भजें गति केहिं नहिं पाई ।।
( उत्तरकांड 129/4)
राम राम 🙏🙏
राम कथा को पूरा करते हुए गोस्वामी जी कहते हैं कि पतितों को पावन करना जिसका सबसे बड़ा गुण है , ऐसा कवि , वेद , संत पुराण आदि कहते हैं । इसलिए हे मन ! कुटिलता त्याग कर उन्हीं का भजन कर , राम भजन कर किसे सदगति नहीं मिली है ।
राम भजन से सदगति मिलनी तो तय है पर यह उसे ही मिल सकती है जो राम जी का भजन कपट त्याग कर करता है । अस्तु! कपट त्याग, भजन कर । राम राम राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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