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11 जून – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
तब लगि कुसल न जीव कहुँ
सपनेहुँ मन विश्राम ।
जब लगि भजत न राम कहुँ
सोक धाम तजि काम ।।
( सुंदरकांड , दो 46)
राम राम 🙏🙏
विभीषण राम जी की शरण में आए हैं । राम जी ने उन्हें ह्रदय से लगाया है, हाल पूछा है और कहा नर्क में रह लेना ठीक है पर कुसंग में रहना ठीक नहीं है । विभीषण कहते हैं कि आपके दर्शन से अब कुशल है । जीव को तब तक स्वप्न में भी कुशल व शांति नहीं मिल सकती है जब तक कि वह कामनाओं को छोड़कर राम जी का भजन नहीं करता है ।
अपने भजन का वजन बढ़ाएँ तभी हमारी कामनाएँ कम हो सकती है , छूट सकती हैं और परिणाम में कुशलता व शांति ही शांति जीवन में आ जाएगी । अस्तु! अपना भजन बढ़ाएँ। राम गाएँ , राम राम गाएँ 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ