श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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6 जुलाई – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

जब तें प्रभु पद पदुम निहारे ।
मिटे दुसह दुख दोष हमारे ।।
बचन सुनत पुरजन अनुरागे ।
तिन्ह के भाग सराहन लागे ।।
( अयोध्याकाण्ड 250/4)
राम राम 🙏🙏
अवध व मिथिला का समाज राम जी को मनाने के लिए भरत व जनक जी के साथ चित्रकूट आया हुआ है । कोल किरात आदि वन में रहने वालों को जब यह पता चलता है तो वे कंद , मूल , फल आदि लेकर आते हैं और सभी को बिना कुछ लिए देतें हैं । सभी कुछ देना चाहते हैं पर वे लेते नहीं हैं । वे कहते हैं कि हममे धर्मबुद्धि कहाँ? यह तो सब राम दर्शन का प्रभाव है । जब से प्रभु के दर्शन हुए हैं हमारे दुख व दोष समाप्त हो गये हैं । उनके वचनों को सुनकर सभी उनके भाग्य की सराहना करते हैं ।
सत्य राम , धर्म राम का साथ व साहचर्य करने पर ही हमारे असत्य व अधर्म का नाश हो सकता है और हम सत्य व धर्म में लग सकते हैं । अतएव सत्य व धर्म का पालन के लिए राम जी का साथ करें , राम जी के साथ रहें । अथ जय सियाराम जय जय सियाराम 🚩🚩🚩

5 जुलाई- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

नमो राघवाय 🙏

कवन सो काज कठिन जग माहीं
जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं ।।
राम काज लगि तव अवतारा ।
सुनतहिं भयउ पर्वताकारा ।।
( किष्किंधाकांड 29/3)
राम राम 🙏🙏
सभी कपि जन सीता जी की खोज करते हुए सागर तट जा पहुँचे हैं, वहाँ जटायु के भाई संपाति से भेंट होती है । संपाति कहते हैं कि जो सौ योजन का सागर लाँघ सकेगा वही राम काज कर सकेगा । सबने अपनी अपनी बात रखी है तब जामवंत जी ने हनुमान जी से कहा कि ऐसा कौन सा कार्य है जो आपसे नहीं हो सकता है । आपका जन्म तो राम कार्य के लिए ही हुआ है , ऐसा सुनते ही हनुमान जी विशालकाय हो गये ।
हम आप भी बहुत कुछ कर सकते हैं बस हमें बताने , जगाने वाला कोई नहीं है । यदि हम सतत राम सेवा का भाव रखेंगे तो हमें भी कोई जामवंत मिल जाएँगे और हम आप भी राम काज कर पाएँगे । अथ ! सत्संग करें, राम सेवकों का संग करें 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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