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13 जुलाई- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
स्वारथ साँच जीव कहुँ एहा
मन क्रम बचन राम पद नेहा ।।
सोई पावन सोई सुभग सरीरा ।
जो तनु पाइ भजिअ रघुबीरा ।।
( उत्तरकांड 95/1)
राम राम 🙏🙏
अपने पहले जन्म की कथा सुनाने से पहले काकभुसुंडि जी कहते हैं कि अनेक जप , तप , दान , वैराग्य आदि का फल राम चरणों में प्रेम होना है । जीव का सच्चा स्वार्थ मन , कर्म व वाणी से राम चरणों में प्रेम होना है । वहीं शरीर पावन व सुंदर है जिस शरीर से राम जी का भजन हो ।
हम सब स्वार्थ के वशीभूत होकर कर्म कर रहें हैं पर अपने वास्तविक स्वार्थ को भूले हुए भटक रहें हैं । हमारा सच्चा स्वार्थ तो राम चरणों में प्रेम होना है जिसके लिये हमें मन वचन व कर्म से लगना पड़ेगा तभी इसकी प्राप्ति हो सकती है । अतएव अपने सच्चे स्वार्थ की पूर्ति में लगें , हर प्रकार से राम चरणों में प्रेम करें । अथ ! जय जय राम चरण, जय सीताराम चरण 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ