गुरु पूर्णिमा के पुनीत अवसर पर डॉ० राम मनोहर लोहिया विज्ञान संस्थान लखनऊ के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं द्वारा निदेशक प्रो० सी० एम० सिंह के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण की के लिए श्रावणी पर्व (रक्षाबंधन) तक वृहद वृक्षारोपण अभियान का बजाया गया बिगुल

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गुरु पूर्णिमा के पुनीत अवसर पर डॉ० राम मनोहर लोहिया विज्ञान संस्थान लखनऊ के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं द्वारा निदेशक प्रो० सी० एम० सिंह के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण की के लिए श्रावणी पर्व (रक्षाबंधन) तक वृहद वृक्षारोपण अभियान का बजाया गया बिगुल

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। गुरु पूर्णिमा के पुनीत अवसर पर डॉ० राम मनोहर लोहिया विज्ञान संस्थान लखनऊ के एमबीबीएस छात्र-छात्राओं द्वारा निदेशक प्रो० सी० एम० सिंह के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण की ओर वृक्षारोपण अभियान द्वारा समाज को सशक्त संदेश देते हुए लोहिया संस्थान ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।

रविवार को प्रातः काल से पूर्वाह्न तक चले, लखनऊ में सरयु एनक्लेव स्थित संस्थान के छात्रावास के बाहर विस्तृत मैदान में वृक्षारोपण का दृश्य देखते ही बनता था। छात्रों की गुरु वंदना के साथ उनकी गुरुओं के साथ गुरु-दक्षिणा के तौर पर वृक्षारोपण अभियान भारतीय परंपरा की ओर ध्यान आकर्षित कर रहा था।

छात्रों के साथ संस्थान के वरिष्ठ पदाधिकारीगण एवं संकाय सदस्यों में मुख्यतः निश्चेतना विभाग के विभागाध्यक्ष, डॉ० प्रवीण दास, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रभात कुमार, संस्थान के अधीक्षण अभियंता श्री उमेश चंद्र सिंह इत्यादि शामिल रहे।

इस अवसर पर निदेशक प्रोफेसर सिंह ने पर्यावरण संरक्षण में वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि इसके अंतर्गत प्रदेश की राजधानी के विभिन्न स्थानों पर तरु पुत्र – तरु मित्र बनाकर वृक्षों का रोपण किया जायेगा । इस वृहद वृक्षारोपण अभियान राष्ट्रीयता की भावना से स्वप्रेरित है।

निकट भविष्य में प्रचार एवं जन-जन को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहन कर इसके अन्तर्गत सघन जनसंपर्क एवं तरु पुत्र – तरु मित्र बनने के लिए प्रेरित करना, वृक्षारोपण के संकल्प कराना, इसके लिए संकल्प पत्र छपवाना, शिक्षण संस्थानों, विभिन्न संगठनों के माध्यम से सामूहिक संकल्प कराना, कार्यक्रमों द्वारा इसके लिए दिव्य वातावरण तैयार करना, वृक्षारोपण के लिए निर्धारित क्षेत्र में वृक्षगंगा अभियान इत्यादि विभिन्न प्रकार की गतिविधियों से इस प्रकल्प को गतिशील किया जाएगा।

इसके अलावा आगामी समय में बीज आरोपण अभियान भी चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत दुर्गम स्थानों, वनों, टेकरियों पर, जहाँ पौधों के आरोपण की व्यवस्था न बन सके वहाँ बीजों के आरोपण का क्रम कराना इत्यादि गतिविधियों को बल दिया जाएगा।

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