लखनऊ में इण्डियन ओवरसीज़ बैंक ने 11 नई शाखाएं खोलीं: ग्राहकों के लिए 444-दिन की जमा पर अधिकतम ब्याज-दर का ऑफर

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लखनऊ में इण्डियन ओवरसीज़ बैंक ने 11 नई शाखाएं खोलीं

ग्राहकों के लिए 444-दिन की जमा पर अधिकतम ब्याज-दर का ऑफर

ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय

लखनऊ। भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक, इण्डियन ओवरसीज़ बैंक (आइओबी) ने तेलीबाग, अयोध्या, बलरामपुर, ललितपुर, सुगामऊ, बांदा, बिजनौर रोड, दुबग्गा, कल्याणपुर कानपुर, मोहनलालगंज, विराजखंड गोमतीनगर में 11 नई शाखाएँ खोलीं, जिनमें भौतिक रूप से दो शाखाओं तथा नौ अन्य शाखाओं का वर्चुअली उद्घाटन श्री अजय कुमार श्रीवास्तव, प्रबंध निदेशक व सीईओ, इण्डियन ओवरसीज़ बैंक द्वारा श्री पूर्ण चंद्र शतपथी, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, लखनऊ की उपस्थिति में किया गया । यह शाखाओं का विस्तार आने वाले दो वर्षों में पूरे उत्तर प्रदेश में 100 शाखाएँ खोलने की बैंक की योजना के अनुरूप है ।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए, इण्डियन ओवरसीज़ बैंक के प्रबंध निदेशक व सीईओ, श्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “हम उत्तर प्रदेश के लोगों की सेवा करने और राज्य के वित्तीय समावेशन एजेंडे का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं । लखनऊ भर में इन नई शाखाओं के खुलने से क्षेत्र में आइओबी की कुल शाखा संख्या 81 हो गई है । ये शाखाएँ स्थानीय समुदायों की बढ़ती बैंकिंग जरूरतों को पूरा करेंगी, जमा, ऋण, प्रेषण और बीमा सहित उत्पादों व सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला की पेशकश करेंगी ।“ अब बैंक की पूरे भारत में 3,264 शाखाएँ और उत्तर प्रदेश में 231 शाखाएँ हैं ।

इसके अलावा, बैंक अपने ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी और आकर्षक वित्तीय उत्पाद प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए, सभी बैंकों के बीच 444 दिनों की जमा पर सबसे अधिक ब्याज दर की पेशकश भी कर रहा है । बैंक ने अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति और विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए चालू वित्तीय वर्ष में भी अच्छा प्रदर्शन किया है ।

अपनी भौतिक उपस्थिति को बढ़ाने के अलावा, आइओबी अपनी डिजिटल पेशकशों को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है । बैंक ने अपने ग्राहकों को निर्बाध बैंकिंग अनुभव प्रदान करने के लिए ‘मेरा नाम मेरा खाता’ और खाता पोर्टेबिलिटी जैसी कई नवीन योजनाएं शुरू की हैं ।

इण्डियन ओवरसीज़ बैंक (आइओबी) के बारे में
विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी इण्डियन ओवरसीज़ बैंक (आइओबी) की स्थापना 10 फरवरी, 1937 को श्री एम.सी.टी.एम. चिदम्बरम चेट्टियार द्वारा की गई थी । वर्ष 1969 में, आइओबी भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीयकृत 14 प्रमुख बैंकों में से एक था ।

वर्तमान में, आइओबी की 3264 शाखाओं और 3500 एटीएम और 7251 कारोबार संवादी की मजबूत घरेलू उपस्थिति है और हम भारत सहित चार देशों: सिंगापुर, हांगकांग, थाईलैंड और श्रीलंका में भी वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, बैंक के फोल्ड में विश्वास के साथ 41 मिलियन सक्रिय ग्राहक जुड़े हुए हैं ।

30 जून 2024 तक, आइओबी का कुल कारोबार बढ़कर ₹5,28,773 करोड़ हो गया है । कम लागत वाले कासा जमा में निरंतर वृद्धि, खुदरा, कृषि और एमएसएमई क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन के साथ घरेलू अग्रिमों में 70.83% का योगदान है । 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही के लिए, आइओबी का परिचालन लाभ ₹1,676 करोड़ और निवल लाभ ₹633 करोड़ है ।

आइओबी ग्राहक अनुभव और सुविधा को बढ़ाने के लिए अग्रणी और अद्वितीय डिजिटल समाधान लागू करने में सबसे आगे रहा है । बैंक के पास उद्योग के शीर्ष रेटेड कोर बैंकिंग समाधान सूट, ऑन-डिमांड संसाधन प्रावधान के लिए अत्याधुनिक निजी क्लाउड, आधुनिक अनुप्रयोगों के निर्माण और स्केलिंग के लिए कंटेनर ऑर्केस्ट्रेशन प्लेटफॉर्म, निर्बाध सहयोग और घर्षण रहित डिलीवरी के लिए एपीआई हब, विभिन्न भुगतान प्रकारों को संभालने और बड़ी मात्रा में लेन-देन को सहजता से संभालने के लिए एक एकीकृत भुगतान केंद्र के साथ एक मजबूत और लचीला प्रौद्योगिकी स्टैक है ।

बैंक ने अपने कर्मचारियों द्वारा किसी भी समय, कहीं भी सेवाओं की डिलीवरी को सक्षम करने के लिए एक नए संपर्क बिंदु के रूप में “टैब बैंकिंग” की शुरुआत की है । इसके अलावा, बैंक ने “मेरा खाता मेरा नाम” लॉन्च किया है, जिससे ग्राहक अपने खाते को अपनी इच्छा के अनुसार नाम दे सकते हैं, एक वेब-आधारित पोर्टल भी विकसित किया है, जिसके माध्यम से “तत्काल सुरक्षित जमा लॉकर”, बेहतर ग्राहक संतुष्टि को बढ़ावा देने के लिए बैंक ने वेबसाइट के माध्यम से “तत्काल खाता संख्या पोर्टेबिलिटी”, “तत्काल जनसुरक्षा पॉलिसी नामांकन” तक पहुँचने की सुविधा उपलब्ध करवायी है ।

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