अगर धरती पर कोई साक्षात भगवान है तो वह माता-पिता हैं

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अगर धरती पर कोई साक्षात भगवान है तो वह माता-पिता हैं

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। माता-पिता ही धरती के भगवान है इस विषय को लेकर के माता-पिता की पावन स्मृति में एसएसडी पब्लिक स्कूल , अलीनगर सुनहरा कृष्णा नगर लखनऊ में एक विराट कवि सम्मेलन और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया l जिसमें शिक्षक और कभी- कवि आचार्य प्रेम शंकर शास्त्री को रामानंद जी ने श्री सुंदरलाल शिक्षक सम्मान 2024 के एकादश पुष्प से सम्मानित किया l इस अवसर पर माता-पिता को केंद्र बिंदु बनाकर के 50 से अधिक कवियों ने काव्य पाठ किया l जिसमें रायबरेली से पधारे सर्वश्री इंद्रेश भदोरिया जी शिवनाथ सिंह जी लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार व प्राचार्य डॉक्टर सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी अमलेश कुमार अमल आकाश हलचल सतीश पाखंडी मनीष मगन जी ,डॉक्टर राकेश प्रताप सिंह ,साहब दिन ,रवि दुबे सब इंस्पेक्टर भूप सिंह यादव, डॉक्टर अरुण कुमार सुनीता चतुर्वेदी, पंडित रवीश पांडे ,डॉक्टर दिनेश चंद्र प्रखर ,कुसुम चौधरी , कृष्ण कुमार मौर्या सरल,रामानंद सैनी ,नीतू श्रीवास्तव ,शरद पांडे ,गोबर गणेश, भारती जी,कृष्ण दत्त मिश्रा, मनमोहन 12 कोटी, मान्य वीर सिंह ,शोभा सहाय ,कुमारी आनंद श्रीवास्तव समेत कई दर्जन कवियों ने माता-पिता के ऊपर काव्य पाठ किया l सभी ने यह माना कि अगर धरती पर कोई साक्षात भगवान है तो वह माता-पिता है l मुख्य अतिथि के रूप में स्थानीय सभासद रामनरेश रावत ने अपने उद्बोधन में सभी कवियों और साहित्यकारों के प्रति आभार व्यक्त किया l श्री मेवा लाल विश्वकर्मा , शैलेंद्र यादव, आरके श्रीवास्तव ,लाल सिंह पाल सुनील पाल और एसपी वर्मा ने सफल कार्यक्रम के संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की l कार्यक्रम के अंत में आयोजक रामानंद सैनी ने सभी कवियों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा संचालन कृष्ण कुमार मौर्य सरल ने किया l

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