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2 सितम्बर – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
तात तीनि अति प्रबल खल
काम क्रोध अरू लोभ ।
मुनि बिग्यान धाम मन
करहिं निमिष महुँ छोभ ।।
( अरण्यकांड, दो. 38)
राम राम 🙏🙏
राम जी सीता जी को खोजते हुए वन वन भटक रहें है । वन के वृक्ष , लताएँ, पक्षी , पवन आदि देखकर ऐसा लगता है कि मानो काम देव अपनी सेना के साथ वन में विचरण कर रहा है । वे लक्ष्मण से कहते हैं कि तात! काम , क्रोध व लोभ तीन प्रबल खल हैं , जो विज्ञानी मुनियो के मन को भी पल में प्रभावित कर देते हैं ।
काम , क्रोध व लोभ पल भर में हमारे मन को प्रभावित कर देते हैं , ऐसे में राम स्मरण ही हमें इन प्रबल खलों से बचा सकता है । जिस मन में राम बसते हैं उससे सब निर्बल हो जाते हैं । अस्तु! मन महुँ राम बसा ले, मन महुँ राम बसा ले 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ