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25 सितम्बर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
आजु धन्य मैं धन्य अति
जद्यपि सब बिधि हीन ।
निज जन जानि राम मोहि
संत समागम दीन ।।
( उत्तरकांड, दो. 123)
जय जय सियाराम🙏
काकभुसुंडि जी जी ने गरूड जी के सातों प्रश्नों के उत्तर दिए हैं । फिर वे आगे कहते हैं कि यद्यपि मैं सब प्रकार से हीन हूँ, तो भी धन्य हूँ, अति धन्य हूँ जो राम जी ने मुझे अपना जानकर संत समागम दिया ( आपसे मेरी भेंट कराई) ।
राम जी का यही रामत्व है कि जिसे भी वे अपना मान लेते हैं उसे सब कुछ प्रदान कर देते हैं । अतएव अपनी लघुता का विचार न करते हुए राम जी के बनें , राम जी के निज हो लें , सब कुछ प्राप्त हो जाएगा । अथ ! राम राम जय राम राम 🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ