श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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27 सितम्बर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

गइ मुरुछा तब भूपति जागे।
बोलि सुमंत्रु रहन अस लागे ।।
रामु चले बन प्रान न जाहीं ।
केहि सुख लागि रहत मन माहीं
( अयोध्याकाण्ड 80/3)
राम राम 🙏🙏
राम जी ने सब अयोध्यावासियों को समझाकर कि आप लोग वैसा कुछ न करिएगा जिससे राजा व माताएँ दुखी हो , राम जी वन के लिए चल पड़ते हैं । राम जी के चलते ही हाहाकार मच जाता है । दशरथ जी की मूर्छा टूटती है , वे सुमंत्र से कहते हैं कि राम वन को चले गये पर मेरे प्राण नहीं निकल रहे हैं , न जाने किस सुख के लिए ये शरीर नहीं छोड़ रहे हैं ।
सबसे बड़ा सुख राम सुख है । यदि आप राम जी के साथ हैं या राम जी आपके साथ हैं तो सुख ही सुख है । इसलिए ऐसा कोई कार्य न करें जिससे राम जी को आपका साथ छोड़ना पड़ें या आपका साथ राम जी से छूट जाए। अस्तु! जीवन की आस , राम साथ राम साथ 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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