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26 अक्तूबर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
एहि तन कर फल बिषय न भाई ।
स्वर्गउ स्वल्प अंत दुखदाई ।।
नर तनु पाइ बिषयँ मन देहीं ।
पलटि सुधा ते सठ बिष लेहीं ।।
( उत्तरकांड 43/1)
राम राम 🙏🙏
राज्याभिषेक के बाद राम जी से मिलने कभी नारद जी तो कभी सनकादिक मुनि आते हैं और राम दर्शन व राम अस्तुति कर वापस लौट जाते हैं । एकबार राम जी ने सभी अयोध्यावासियों को बुलाया है और कहा कि मुझे वही प्रिय है जो मेरी बात मानता है , मैं कुछ अनीति की बात करूँ तो आप सब मुझे रोक सकते हैं । इस शरीर को पाने फल इसे बिषय भोग में लगाना नहीं है , विषय भोग तो स्वर्ग का भी कम है और अंत में दुख देने वाला है । मानव शरीर पाकर जो इसे भोगों में लगा देते हैं , ऐसे मूरख अमृत को छोड़कर विष ले लेते हैं ।
इस जगत में विषयों से कोई सुखी नहीं हुआ है। जब रामरस रूपी अमृत उपलब्ध है तो विष ग्रहण कर अपने को क्यूँ तकलीफ़ में डाल रहें हैं । अत: राम जी की बात मानते हुए विषयरस नहीं रामरस का पान कर अपने जीवन को रसमय बनाएं । अथ ! श्रीराम राम, जय राम राम 🚩🚩🚩 तरूण जी लखनऊ