श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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9 नवम्बर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

तात कुसल कहु सुखनिधान की
सहित अनुज अरु मातु जानकी
कपि सब चरित समास बखाने
भए दुखी मन महुँ पछिताने ।।
अहह देव मैं कत जग जायउँ
प्रभु के एकहु काज न आयउँ ।।
( लंकाकांड 59/1-2)
राम राम 🙏🙏
संजीवनी बूटी लेकर हनुमान जी अयोध्या के ऊपर से जा रहे हैं , भरत जी ने अनुमान लगाया कि कोई निसाचर है , वाण मारकर वे हनुमान को नीचे गिरा देते हैं , हनुमान जी राम राम स्मरण करते हैं , भरत जी उनके पास आते हैं, सबकी कुशल पूछते हैं, हनुमान जी बताते हैं, सुनकर भरत दुखी होते हैं , पछताते हैं , वे कहते हैं कि हे विधाता ! मेरा जन्म ब्यर्थ हुआ , मैं प्रभु के एक भी काम न आया ।
हम सब अपने अपने काम में लगे हैं , हमें कोई नहीं जानता है । हनुमान जी ने राम जी के काम किए , उन्हें सब जानते हैं । अत: आप चाहते हैं कि लोग आपको सार्थक समझें व जाने तो राम में लगें, राम काज में लगें । अथ ! जय जय राम, जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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