किसान भाईयो के लिए सूचना,फसल की बुवाई से पहले भूमिशोधन/बीजशोधन अवश्य करें

Getting your Trinity Audio player ready...

*किसान भाई फसल की बुवाई से पहले भूमिशोधन/बीजशोधन अवश्य करें*
जौनपुर 12 नवम्बर, 2024 (सू0वि0)- जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने किसान भाईयों को अवगत कराया है कि बीज जनित रोगों से आगामी बोई जाने वाली फसल के बचाव हेतु बीज शोधन का अत्यधिक महत्व है। उपचार से बचाव बेहतर है, की अवधारणा का पालन कर बीज शोधन द्वारा फसल की रोगों से सुरक्षा कर अधिक पैदावार ली जा सकती है जिससे कृषको की आर्थिक स्थिति सुदृढं होगी किसान भाई निम्न विवरण के अनुसार बीज शोधन अवश्य करे।
                  गेहूँ/जौ की फसल में बीज जनित रोगो की रोगथाम हेतु थीरम 3 ग्राम या कार्बण्डाजिम 2 ग्राम या ट्राइकोडरमा 5-10 ग्राम की मात्रा प्रति कि०ग्रा० की दर से बीज शोधन करें। चना एवं मटर की फसल में उकठा से बचाव हेतु ट्राइकोडरमा 5-10 ग्राम कि०ग्रा० की दर से उपचारित कर बुआई करें एवं दीमक से बचाव हेतु 2.5 कि0/हे० की दर से बवेरिया बैसियाना जैविक रसायन का प्रयोग कर भूमि शोधन करे। राई/सरसों की फसल में 3 ग्राम थीरम 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी या 2 ग्राम कार्येण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी प्रति कि०ग्रा० बीज की दर से शोधन अवश्य करें। मसूर/अलसी की फसल में बीज को कार्येण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 2 ग्राम/कि०ग्रा० या ट्राइकोडरमा हारजेनियम 5 ग्राम प्रति कि०ग्रा० बीज की दर से बीज शोधन करे। आलू की फसल में होने वाले रोगों से बचाव हेतु कार्येण्डाजिम 2 ग्राम प्रति कि०ग्रा० की दर से या ट्राइकोडरमा हारजेनियम 5 ग्राम प्रति कि०ग्रा० की दर से बीज शोधन करे। गन्ना की फसल में होने वाले रोगों से बचाव हेतु कार्येण्डाजिम 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 3 ग्राम प्रति कि०ग्रा० बीज या क्लोरपाइरीफेंस 20 प्रतिशत ईसी 1.250 ली0 प्रति कु० की दर से बीज शोधन करे।
                उक्त के सम्बन्ध में अधिक जानकारी हेतु अपने निकटतम कृषि रक्षा इकाई के प्रभारी, किसान सहायक, ए०डी०ओ० (एजी०) या मुख्यालय पर जिला कृषि रक्षा अधिकारी से सम्पर्क कर सकते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *