बालक प्रहलाद की निश्चल भक्ति ने भगवान को खंभे में प्रकट होने के लिए विवस किया*(कथा व्यास श्री श्याम मुरारी महाराज जी

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*बालक प्रहलाद की निश्चल भक्ति ने भगवान को खंभे में प्रकट होने के लिए विवस किया*(कथा व्यास श्री श्याम मुरारी महाराज जी)
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मेंहनगर (आजमगढ़) स्थानीय तहसील क्षेत्र के गोपालपुर गांव में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा तीसरे दिन कथा वाचक श्री श्याम मुरारी महाराज जी ने श्रोताओं को निश्चल भक्ति और ईश्वर में अटूट विश्वास रखने वाले भक्त प्रह्लाद की कथा में बताया कि धार्मिक और ईश्वर में आस्था रखने वाले प्रह्लाद और उनकी माता गयाधू को हिरण्यकश्यप द्धारा मानसिक, शारीरिक यातनाएं दी गईं परंतु भक्त प्रह्लाद ने भगवान का नाम जपना नहीं छोड़ा। जिसके लिए पिता ने ऊंचे पहाड़ से फेकवाया,आग में जलाने के लिए ईश्वर से वरदान प्राप्त बहन होलिका को आग में प्रह्लाद को दहन करने के लिए होलिका में बैठाया, फिर भी वत्सल भगवान की भक्ति में लीन प्रह्लाद का कुछ नहीं बिगड़ा।तब हिरण्यकश्यप ने तलवार उठाया और बेटे प्रह्लाद से कहा कि यदि तेरा भगवान आज तुझे बचा सकता है तो बुलाओ।तब प्रह्लाद ने कहा कि हममें, तुममें खण्ग खंभ में घट घट व्यापी राम और भक्त के इस आस्था को देखते हुए भगवान ने खंभा फाड़कर प्रकट हुए,और हिरण्यकश्यप का वध किया। इसलिए यदि भक्त भक्ति भावना और निश्चल मन से ईश्वर को याद किया जाए तो निश्चित ही भगवान कल्याण करेंगे।इस मौके पर डाक्टर फतेह बहादुर सिंह, राजेन्द्र सिंह मास्टर, ओमप्रकाश सिंह, विजय बहादुर सिंह, गीता सिंह, अरविंद सिंह आदि उपस्थित रहे।

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