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6 दिसम्बर – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
उमा राम मृदुचित करुनाकर।
बयर भाव सुमिरत मोहि निसिचर
देहिं परम गति अस जियँ जानी ।
अस कृपाल को कहहु भवानी ।।
( लंकाकांड 44/2-3)
राम राम 🙏🙏
लंकायुद्ध हो रहा है, राम रावण की सेनाएँ लड़ रहीं हैं । अंगद को जब यह पता चला कि हनुमान जी अकेले ही लंका के क़िले पर चढ़ गये हैं तब वे भी लंका दुर्ग पर चढ़ गये हैं । दोनों ने रावण के महल को गिरा दिया है, वे निसाचरों को पकड़ते हैं और राम जी के पास फेंक देते हैं, विभीषण उनके नाम बताते हैं और राम जी उन्हें अपने धाम भेजते हैं । शिव जी कहते हैं कि राम जी कोमल हृदय वाले करुणा की खान हैं , वे सोचते हैं कि राक्षस वैर भाव से ही सही मेरा स्मरण तो करते हैं , ऐसा जानकर उन्हें मोक्ष देते हैं । हे भवानी! ऐसा कृपालु भला और कौन है।
श्री राम जी अत्यंत कृपालु व करुणा हृदय वाले हैं, वे भावग्राही हैं , जो भी उनका स्मरण करता है, उसे वे सदगति प्रदान करते हैं । हम आप भी जैसा बन पड़े , राम स्मरण करें , हमें भी सदगति मिल जाएगी । अथ ! जय राम राम, जय राम राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी