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25 दिसंबर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
नमामि भक्त वत्सलं ।
कृपालु शील कोमलं ।।
भजामि ते पदांबुजं ।
अकामिनां स्वधामदं ।।
( अरण्यकांड , छंद 1)
राम राम 🙏🙏
राम जी चित्रकूट से आगे चलते हैं , अत्रि मुनि के आश्रम आते हैं । अत्रि जी दौड़कर राम जी को हृदय से लगाते हैं । राम दर्शन पाकर अत्रि जी राम जी की स्तुति करते हैं । वे कहते हैं कि हे भक्तवत्सल ! हे कृपालु! हे कोमल स्वभाव वाले! मैं आपको नमन करता हूँ । निष्काम पुरुषों को अपना धाम देने वाले आपके चरणकमलों को मैं भजता हूँ ।
निष्काम भाव से भजने वालो को राम जी अपना आश्रय देते हैं , अपना धाम देते हैं । अस्तु राम आश्रय पाने के लिए निष्कामता से राम जी को भजें, उनकी स्तुति करें । अथ ! श्रीराम जय राम , श्रीराम जय राम 🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ