श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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18 मार्च- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

आजु धन्य मैं सुनहु मुनीसा ।
तुम्हरें दरस जाहिं अघ खीसा ।।
बड़े भाग पाइब सतसंगा ।
बिनहिं प्रयास होहिं भव भंगा।।
( उत्तरकांड 32/4)
राम राम🙏🙏
श्री राम राज्याभिषेक के कुछ दिनों बाद सनकादि मुनि अयोध्या आते हैं । राम जी सहित तीनों भाइयों ने उन्हें प्रणाम किया है, वे राम जी की छवि एकटक निहारते हैं , राम जी उनकी दशा देखकर प्रेम विह्वल हो जाते हैं । वे कहते हैं कि मुनिजनों , सुनिए! आज मैं धन्य हूँ । आपके दर्शन से पाप नष्ट हो जाते हैं , बड़े भाग्य से सत्संग मिलता है जिससे बिना श्रम के ही जन्म मृत्यु का चक्र नष्ट हो जाता है ।
श्री राम जी का संग चाहते हैं तो पहले सत्संग करें और एकबार राम संग मिल गया तो फिर कोई चाहत रह नहीं जाती है । अतएव सत्संग करें । अथ ! भजन करिए…श्री राम जय राम जय जय राम, सीताराम जय सीताराम श्री राम जय राम जय जय राम, जय सियाराम जय जय सियाराम।
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संकलन तरूण जी लखनऊ

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