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पेट्रोल की कीमत 51 रुपये और डीजल की कीमत 41 रुपये प्रति लीटर करो – हर्षवर्धन सपकाल
बिपिन गुप्ता
मुंबई, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल का कहना है कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं, लेकिन देश की जनता को इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है। आज जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 65 डॉलर प्रति बैरल पर है, देश में पेट्रोल की कीमत लगभग 109 रुपये और डीजल 93 रुपये से ऊपर है। भाजपा सरकार ईंधन पर अनुचित जजिया कर लगाकर जनता को लूट रही है। उन्होंने मांग की है कि सरकार कच्चे तेल की कीमत और टैक्स लूट को कम करके लोगों को राहत प्रदान करे, जिससे पेट्रोल 51 रुपये और डीजल 41 रुपये प्रति लीटर तक कम हो सके।
सोमवार को तिलक भवन में प्रेस वार्ता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आंकड़ों के साथ बताया कि किस तरह पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए जा सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौरान, भले ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 145 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थी, पेट्रोल की कीमत 70 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 45 रुपये प्रति लीटर थी। अब जबकि कच्चा तेल 65 डॉलर पर है, पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.56 रुपये और डीजल पर 3.48 रुपये था। भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाकर 32 रुपए कर दिया। जब कांग्रेस की पत्रकार वार्ता चल रही थी, तब एक्साइज टैक्स में 2 रुपए और बढ़ा दिए गए। रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस जो 1 रुपए था, उसे बढ़ाकर अब 18 प्रतिशत कर दिया गया है और टोल वसूली भी जारी है। इसका स्याह पक्ष प्रकाश में लाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार कृषि उपकर लगाकर जनता को लूट रही है। यहां तक कि एलपीजी सिलेंडर की कीमत भी, जो पहले 400 से 450 रुपये हुआ करती थी, अब दोगुनी हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आज रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है, यह सरकारी लूट है, इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।
रूस भारत को बाजार मूल्य से 30 प्रतिशत कम दर पर कच्चा तेल उपलब्ध कराता है, जिससे रिलायंस और नायरा नामक दो कंपनियों को सीधा लाभ होता है। क्या ये दोनों कंपनियां सरकार की पसंदीदा हैं? कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद इसका लाभ तेल कंपनियों को मिल रहा है, जनता को नहीं। ये कंपनियां सस्ता कच्चा तेल खरीदकर उसे यूरोप में बेचकर मुनाफा कमा रही हैं। सरकार आम आदमी को लाभ पहुंचाने के बजाय बड़े व्यापारियों को लाभ पहुंचा रही है। यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल की कीमतों में 2 रुपये की वृद्धि हुई होने पर ट्वीट करने वाले अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार जैसे सेलिब्रिटी और बाबा रामदेव जैसे स्वयंभू संत अब पेट्रोल की कीमत 109 रुपये पर होने पर भी चुप हैं। एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 15 रुपये की वृद्धि होने पर सड़कों पर उतरने वाले कहां गायब हो गए? यह सवाल पूछते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सपकाल ने यह भी मांग की कि सरकार तेल के साथ हो रहे काले खेल पर श्वेत पत्र जारी करे।