राष्ट्रवाद के प्रखर समर्थक थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी

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गोमती नगर में भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी द्वार का लोकार्पण

आर. एल. पाण्डेय
लखनऊ. राष्ट्रवाद भारत की विचारधारा और पहचान है. हर देशवासी राष्ट्रवाद की ताकत को पहचाने और इसे मजबूत करने में पूरी ताकत लगाए. भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रवाद के एजेंडे को लगातार आगे बढ़ाती रही है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी इस राष्ट्रवाद के प्रमुख वाहक रहे और छात्र जीवन से लेकर अंतिम सांस तक इसी विचारधारा को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत रहे.यह बात सूबे के क़ानून मंत्री बृजेश पाठक ने गोमती नगर में विक्रांत खंड जनकल्याण समिति द्वारा आयोजित ‘ भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी द्वार के लोकार्पण समारोह में कही. उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेता रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी देश के सर्व मान्य नेता थे. विपक्षी दलों के नेता भी उनका पूरा सम्मान करते थे. लखनऊ से उनका बहुत लगाव रहा. लखनऊ का चौतरफा विकास अटल जी की ही देन है. लखनऊ के सांसद रहते हुए उनके द्वारा कराये गये कार्यों को शहरवासी कभी भूल नहीं सकते हैं.कैबिनेट मंत्री श्री पाठक ने कहा कि अटल जी को देश के इतिहास, भूगोल और राजनीति की बहुत अच्छी जानकारी थी. वह ज़ब संसद में बोलते थे तो सन्नाटा छा जाता था और विपक्ष के नेता व सांसद भी उनकी एक एक बात को गौर से सुनते थे.कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष ए. एन. पाण्डेय ने की. गोमती नगर जन कल्याण समिति के अध्यक्ष बी. एन. सिंह, नंदिनी मिश्र, संजय मिश्र व शैलेन्द्र वर्मा ने मुख्य अतिथि क़ानून मंत्री बृजेश पाठक का माल्यार्पण कर स्वागत किया. इस मौके पर सर्वश्री डॉ राघवेंद्र शुक्ला,कर्नल ए. एन. पांडे, सांसद प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी, दिवाकर सिंह, जितेंद्र, डॉक्टर पशुपति पांडे, पी आर पांडे, शिव सेवक जी, निर्मला सिंह, मुन्ना सिंह, के के मौर्या,आलोक मिश्रा, सी जी नायर, विनोद तिवारी, कांति, नंदिनी मिश्रा, मनोज मिश्राआदि गणमान्य लोग मौजूद रहे.

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