रामनगरी अयोध्या मे इस समय चरम पर पहुंचा झूलनोत्सव का उल्लास,भक्तजन होते दिखे मंत्रमुग्ध

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अयोध्या।(डा.अजय तिवारी जिला संवाददाता)
रामनगरी अयोध्या झूलनोत्सव के उल्लास में लीन हो चुकी है।जैसे-जैसे सावन पूर्णिमा की तिथि नजदीक आ रही है वैसे ही झूलनोत्सव की विशिष्टता भी शीर्ष को स्पर्श करती दिखती है।बुधवार को एकादशी से उत्सव का उत्साह और बढ़ गया है, जब सांयकाल रामनगरी के कई मंदिरों में हिंडोले की डोर तन गई। संत एवं श्रद्धालु आराध्य को विभिन्न प्रकार से सुसज्जित झूले पर स्थापित कर सम्मुख भक्ति में गीत प्रस्तुत कर अपनी आस्था निवेदित कर रहे हैं। झूलनोत्सव में रामनगरी की समृद्ध गीत-संगीत की परंपरा पुष्ट होती नजर आती है।रामनगरी अयोध्या में झूलनोत्सव की अलग परंपराएं हैं। रंगमहल व सदगुरु सदन में एक माह तक झूलनोत्सव संचालित होता है। अधिकांश मंदिरों में श्रावण शुक्ल तृतीया से पंचमी तक झूलन की डोर तनती है। रामलला सहित कुछेक मंदिरों में पंचमी से झूलनोत्सव का शुभारंभ होता है। करीब आधा दर्जन मंदिरों में एकादशी से श्रावण पूर्णिमा केवल पांच दिन तक ही झूलनोत्सव की पंरपरा है। उत्तरतोताद्रिमठ में एकादशी से झूलन की रसधार प्रवाहित होने लगी है।मंदिर के महंत ज.गु.अनंताचार्य के सानिध्य में गीत-संगीत के जरिए आराध्य के प्रति समर्पण का भाव भक्त प्रकट कर रहे हैं तो वहीं महंत अनंताचार्य भव्य हिंडोले पर विराजमान आराध्य को मंद-मंद गति से झूला विहार कराते हुए असीम आनंद की अनुभूति करते हैं। अनंताचार्य कहते हैं कि सावन का उत्सव भक्ति के चरम को शिरोधार्य करने का उत्सव है। रामनगरी का आध्यात्मिकता इस उत्सव में फलक पर नजर आती है।रामनगरी की प्रमुख पीठ राजगोपाल मंदिर में झूलनोत्सव का उल्लास बिखर रहा है। रामलला, कनकभवन, दशरथमहल, अशर्फी भवन, श्रीरामबल्लभाकुंज, सियाराम किला, लक्ष्मण किला, जानकीघाट बड़ास्थान, बावन मंदिर, आचारी मंदिर सहित रामनगरी के मंदिरों में दिव्य-भव्य झूले पर विराजमान अपने आराध्य के दर्शन को लेकर भक्तों में होड़ सी नजर आती है।एकादशी पर रामलला को  छप्पन भोग लगा।सदियों बाद रामलला का दरबार भी झूलनोत्सव से गुलजार है। प्रतिदिन सांयकाल गीत-संगीत की महफिल सज रही है तो अपने आराध्य श्रीरामलला सहित चारों भाईयों को झुला बिहार करते देखकर भक्त भावविह्वल नजर आते हैं। एकादशी पर्व पर बुधवार को रामलला को छप्पन प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर विशेष पूजा-अर्चना की गई। संत एमबीदास ने अपने सहयोगियों के साथ सांयकाल कजरी गीत प्रस्तुत किया तो रामलला दरबार की चमक निखर उठी। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एमबी दास सहित अन्य को सम्मानित किया।इस दौरान कई संत व ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र भी मौजूद रहे।

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