सार्वजनिक वितरण प्रणाली मे गड़बडी़ के चलते कोटेदार की मनमानी पर आईजीआरएस पोर्टल पर मुख्यमंत्री से पीडित ने की शिकायत

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अयोध्या।(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या)
जिले के रुदौली तहसील के तेर गांव में सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली की कोटेदार एकराम अहमद द्वारा धज्जियां उड़ाई जा रही हैं इस बात की शिकायत उक्त गांव निवासी हरिश्चंद्र सिंह पुत्र शिव सिंह ने कोटेदार पर आरोप लगाते हुए आईजीआरएस पोर्टल के जरिए मा०मुख्यमंत्री उ०प्र०से शिकायत की है शिकायत में आरोप लगाया गया है कि प्राथमिक विद्यालय के राशन का वितरण कोटेदार द्वारा प्रतिमाह नहीं किया जाता।इस संबंध में जब शिकायत कर्ता ने कोटेदार से बात करना चाहा तो कोटेदार ने कहा कि तुम्हें जो करना है करो हम किसी न किसी के सहारे बच जाएंगे। फिलहाल हरिश्चंद्र सिंह ने 18 अगस्त 2021 को शिकायत तो कर दी किंतु समाचार प्रेषण तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कोटेदार की मनमानी पर अन्य ग्रामीणों में भी आक्रोस है किंतु सबमें शिकायत करने का साहस नहीं है जाहिर सी बात है कोटेदार दबंग प्रवृत्ति का है।सप्लाई इंस्पेक्टर रुदौली से बात किया गया तो पता चला मामला एमडीएम का है शिकायत मिली है लेकिन अभी मैं जांच करने मौके पर नहीं पहुंचा हूं सप्लाई इंस्पेक्टर ने बताया इस बार विद्यालय के अध्यापक ने एक्स्ट्रा पर्ची काटकर दिया था जिससे कुछ लोगों को शायद राशन नहीं मिला है,जब सप्लाई इंस्पेक्टर से पहले की छात्र संख्या पूंछा गया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की, इससे स्पष्ट होता है कि सप्लाई इंस्पेक्टर भी न सही जानकारी रखते हैं और न ही सही ढंग से ड्युटी करते हैं। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय के एक शिक्षक से बात करने पर पता चला कि इस विद्यालय का एमडीएम तो वितरण हो गया है किंतु प्राथमिक विद्यालय के कुछ बच्चों को नहीं मिला है। और जब कोटेदार राशन देंगे ही नहीं तो वितरण कैसे होगा।यह भी पता चला है कि यहां के प्रधान कोटेदार के यहां से राशन ले जाकर अपने घर से वितरण करते हैं।यदि ग्राम प्रधान अपने घर से राशन वितरण करेगा तो जाहिर सी बात है वे लोग राशन लेने प्रधान के यहां नहीं जाएंगे जो संपन्न पंचायत चुनावों में मौजूदा प्रधान के पक्ष में नहीं थे। वहीं प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मयंक यादव से दो बार बात करने की कोशिश की गई किंतु फोन रिसीव नहीं हुआ।अन्यथा एक्स्ट्रा पर्ची के बारे में जानकारी हो सकती थी।फिलहाल एमडीएम का सही वितरण न होना कोटेदार,ग्राम प्रधान व सप्लाई इंस्पेक्टर तक पर सवालिया निशान लगाता है। और जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होगी तब तक सच सामने नहीं आएगा।

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