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अयोध्या(संवाददाता) सुरेंद्र कुमार। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद डॉ. संजय सिंह ने अयोध्या नगर निगम के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के अलावा डा. अनिल कुमार मिश्र, हरीश कुमार पाठक, कुसुम पाठक, सुल्तान अंसारी, रवि मोहन तिवारी, दीप नारायण, सब रजिस्टर एसबी सिंह व एक अज्ञात के खिलाफ राम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण के लिए अर्जित की जाने वाली भूमि की खरीद फरोख्त व धोखाधड़ी के सहारे धन हड़पने दान से प्राप्त धन के दुरुपयोग के मामले में मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में मुकदमा दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया है।मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुलदीप सिंह ने मामले में सुनवाई के समय प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए नगर कोतवाली से रिपोर्ट तलब करने का आदेश पारित किया है । साथ ही मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख एक सितंबर 2021 नियत किया है। इसके पहले आप के सांसद संजय सिंह के पक्ष से अधिवक्ता अरुण कुमार यादव ने मंगलवार को महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सहित अन्य के विरुद्ध संबंधित न्यायालय में 156 (3) भारतीय दंड विधान के अंतर्गत दायर अर्जी में उल्लेख किया है कि श्री राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए अर्जित की जाने वाली भूमि की खरीद- फरोख्त के मामले में अपने रिश्तेदारों के माध्यम से सर्किल दरों से कम कीमतों पर संपत्ति खरीद कर और बाद में उसे ऊंचे दाम पर चंपत राय के माध्यम से श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने का आरोप लगाया है । मामले में विपक्षी महापौर सह साजिशकर्ता हैं। श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए खरीदे गए किसी भी बैनामा में प्रतिफल के हस्तांतरण की तारीख का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही पैन कार्ड का विवरण दिया गया है। साथ ही विपक्षियों पर यह भी आरोप है कि सुनियोजित साजिश और धोखा देने के इरादे से गलत तरीके से लाभ कमाने और भगवान श्री राम के भक्तों की भावनाओं को धोखा देने के लिए नकली विक्रेताओं और खरीदारों के माध्यम से बड़े पैमाने पर जनता से भारी मात्रा में प्राप्त दान से धन को हड़प लिया है। अधिवक्ता के मुताबिक इन सभी पर संपत्ति का हड़पना व दुरुविनयोग करना, संपत्ति की कम कीमत पर बिक्री, आय को छुपाना, मनी लांड्रिंग आदि का केस दर्ज करने की याचना की गई है । इसके पहले भी राज्यसभा सांसद ने इन सभी के विरुद्ध नगर कोतवाली में एक प्रार्थना पत्र मुकदमा दर्ज करने के लिए दिया था । बावजूद इसके मुकदमा दर्ज न होने पर राज्य सभा सांसद ने न्यायालय का सहारा लिया जिसकी सुनवाई 1 सितंबर को होनी है।