राम नगरी अयोध्या आगमन पर पौराणिकता के साथ वैश्विक विकास की योजनाओं से भी रूबरू होंगे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद अयोध्या।(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या) राम नगरी अयोध्या की पौणाकिता को स्थिर रखते हुए वैश्विक विकास योजनाओं का खाका तैयार किया गया है।अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की मंशा केंद्र व प्रदेश सरकार दोनों की है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब रामनगरी को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित की जाने वाली योजनाओं से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रू-ब-रू होंगे। शइसकी तैयारी में नोडल एजेंसी आवास विकास विभाग लग गया है। अयोध्या के विकास का नोडल विभाग व ग्लोबल कंसलटेेंट की ओर से अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट 2047 का प्रजेंटेशन तैयार किया जा रहा है।इसको अयोध्या के आवास विभाग के अफसरों की ओर से पेश किया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति के सुझाव भी जोड़े जाएंगे। अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट 2047 में अयोध्या की पौणाकिता को स्थिर रखते हुए वैश्विक विकास योजनाओं का खाका तैयार किया गया है। अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की मंशा केंद्र व प्रदेश सरकार दोनों की है। इसके लिए यहां पर अयोध्या को त्रेता युग की थीम पर अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया गया है।शासन के निदेश पर अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट 2047 व प्रमुख योजनाओं का खाका खींचने की जिम्मेदारी तीन कंसलटेंट एजेंसी एलईए एसोसिएट्स, सीपी कुकरेजा व एलएंडटी को दी गई है। अब तक अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट तैयार हो गया है। साथ ही प्रमुख योजनाओं के डीपीआर भी आने शुरू हो गए हैं। अयोध्या किस रूप में विकसित होगी होगी। इसका प्रजेंटेंशन पहले भी आवास विभाग की ओर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व देश के प्रमुख लोगों के सामने दिया जा चुका है। इसमें सभी के सुझाव भी जोड़े गए हैं। अब आवास विभाग विजन डॉक्यूमेंट का प्रजेंटेशन अयोध्या दौरे पर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने करेगा। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अयोध्या के विकास का नोडल विभाग अयोध्या विकास प्राधिकरण व कंसलटेंट टीम की ओर से राष्ट्रपति के सामने होने वाले प्रजेंटेंशन को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है।प्रजेंटेंशन तैयार होने के आवास विभाग के आला अफसर व शासन के अधिकारी देखेंगे।यहां से प्रजेंटेंशन फाइनल होने के बाद राष्ट्रपति के सामने दिया जाएगा। राष्ट्रपति को दिखाया जाने वाला विजन डॉक्यूमेंट विशेष रूप से अयोध्या की पौराणिक व आधुनिक स्वरूप का खाका है। यह 90 बैठकें आयोजित कर देश के प्रमुखजनों व प्रबुद्घ जनों के विचार का सम्मिलित स्वरूप है। इसमें पांच हजार लोगों से अयोध्या कैसी हो व इसका स्वरूप कैसा हो, संबंधित विचार लिया गया है। साथ ही 500 पर्यटकों के अनुसार अयोध्या कैसी हो के विचार को भी शामिल किया गया है। इसमें अयोध्या के विकास के लिए तीन लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।पहला लक्ष्य यह है कि अयोध्या की आस्था क्षेत्र को सनातन परंपरा के अनुसार आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है। दूसरा यह है कि अयोध्या के आस्था क्षेत्र को सर्व समावेशी पर्यटन स्थलीय के रूप में विकसित किया जाना है। तीसरा व अंतिम यह है कि अयोध्या के विकास क्षेत्र को सस्टेनेबल नगर के अनुरूप विकसित होना है। तीनों चरणों का विकास के लिए 14 क्षेत्रों का निर्धारण किया गया है। इसी के आधार पर अयोध्या को भविष्य में विकसित किया जाना है।राममंदिर को जोड़े जाने वाली प्रमुख सड़कें 1239 करोड़, ग्रीन फील्ड टाउनशिप 1400 करोड़, रीवर फ्रंट 500 करोड़, रिंग रोड 2588 करोड़, पौराणिक कुंडों का सुंदरीकरण 9.25 करोड़, अयोध्या के पौराणिक भवनों का रखरखाव 06 करोड़, पर्यटन सुविधा केंद्र 225 करोड़, श्रीराम अरण्य पार्क 100 करोड़, अयोध्या के पौराणिक लुक पर प्रवेश द्वार 50 करोड़, पार्किंग स्थल का विकास 209 करोड़, पर्यटन सुविधा केंद्र 184 करोड़, सीवर लाइन व नाले के पानी के लिए अलग लाइन 550 करोड़, अंडर ग्राउंड केबिल वायरिंग 1400 करोड़ है।इसके अलावा कई अन्य योजनाएं भी प्रस्तावित है।इस संबंध मे अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आर पी सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे पर उनको अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट 2047 दिखाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए विशेष रूप से प्रजेंटेंशन तैयार कराया जा रहा है।राष्ट्रपति को विजन डॉक्यूमेंट दिखाकर उनके निर्देश व सुझाव को डॉक्यूमेंट में सम्मिलित किया जाएगा।

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अयोध्या।(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या)
राम नगरी अयोध्या की पौणाकिता को स्थिर रखते हुए वैश्विक विकास योजनाओं का खाका तैयार किया गया है।अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की मंशा केंद्र व प्रदेश सरकार दोनों की है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब रामनगरी को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित की जाने वाली योजनाओं से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी रू-ब-रू होंगे। शइसकी तैयारी में नोडल एजेंसी आवास विकास विभाग लग गया है। अयोध्या के विकास का नोडल विभाग व ग्लोबल कंसलटेेंट की ओर से अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट 2047 का प्रजेंटेशन तैयार किया जा रहा है।इसको अयोध्या के आवास विभाग के अफसरों की ओर से पेश किया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति के सुझाव भी जोड़े जाएंगे। अयोध्या के विजन डॉक्यूमेंट 2047 में अयोध्या की पौणाकिता को स्थिर रखते हुए वैश्विक विकास योजनाओं का खाका तैयार किया गया है। अयोध्या को विश्वस्तरीय आध्यात्मिक मेगा सिटी व पर्यटन सिटी के रूप में विकसित किए जाने की मंशा केंद्र व प्रदेश सरकार दोनों की है। इसके लिए यहां पर अयोध्या को त्रेता युग की थीम पर अत्याधुनिक सुविधाओं का समावेश किया गया है।शासन के निदेश पर अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट 2047 व प्रमुख योजनाओं का खाका खींचने की जिम्मेदारी तीन कंसलटेंट एजेंसी एलईए एसोसिएट्स, सीपी कुकरेजा व एलएंडटी को दी गई है। अब तक अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट तैयार हो गया है। साथ ही प्रमुख योजनाओं के डीपीआर भी आने शुरू हो गए हैं। अयोध्या किस रूप में विकसित होगी होगी।
इसका प्रजेंटेंशन पहले भी आवास विभाग की ओर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व देश के प्रमुख लोगों के सामने दिया जा चुका है। इसमें सभी के सुझाव भी जोड़े गए हैं। अब आवास विभाग विजन डॉक्यूमेंट का प्रजेंटेशन अयोध्या दौरे पर आ रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने करेगा। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अयोध्या के विकास का नोडल विभाग अयोध्या विकास प्राधिकरण व कंसलटेंट टीम की ओर से राष्ट्रपति के सामने होने वाले प्रजेंटेंशन को विशेष रूप से तैयार किया जा रहा है।प्रजेंटेंशन तैयार होने के आवास विभाग के आला अफसर व शासन के अधिकारी देखेंगे।यहां से प्रजेंटेंशन फाइनल होने के बाद राष्ट्रपति के सामने दिया जाएगा। राष्ट्रपति को दिखाया जाने वाला विजन डॉक्यूमेंट विशेष रूप से अयोध्या की पौराणिक व आधुनिक स्वरूप का खाका है। यह 90 बैठकें आयोजित कर देश के प्रमुखजनों व प्रबुद्घ जनों के विचार का सम्मिलित स्वरूप है। इसमें पांच हजार लोगों से अयोध्या कैसी हो व इसका स्वरूप कैसा हो, संबंधित विचार लिया गया है। साथ ही 500 पर्यटकों के अनुसार अयोध्या कैसी हो के विचार को भी शामिल किया गया है। इसमें अयोध्या के विकास के लिए तीन लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।पहला लक्ष्य यह है कि अयोध्या की आस्था क्षेत्र को सनातन परंपरा के अनुसार आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया जाना है। दूसरा यह है कि अयोध्या के आस्था क्षेत्र को सर्व समावेशी पर्यटन स्थलीय के रूप में विकसित किया जाना है। तीसरा व अंतिम यह है कि अयोध्या के विकास क्षेत्र को सस्टेनेबल नगर के अनुरूप विकसित होना है। तीनों चरणों का विकास के लिए 14 क्षेत्रों का निर्धारण किया गया है। इसी के आधार पर अयोध्या को भविष्य में विकसित किया जाना है।राममंदिर को जोड़े जाने वाली प्रमुख सड़कें 1239 करोड़, ग्रीन फील्ड टाउनशिप 1400 करोड़, रीवर फ्रंट 500 करोड़, रिंग रोड 2588 करोड़, पौराणिक कुंडों का सुंदरीकरण 9.25 करोड़, अयोध्या के पौराणिक भवनों का रखरखाव 06 करोड़, पर्यटन सुविधा केंद्र 225 करोड़, श्रीराम अरण्य पार्क 100 करोड़, अयोध्या के पौराणिक लुक पर प्रवेश द्वार 50 करोड़, पार्किंग स्थल का विकास 209 करोड़, पर्यटन सुविधा केंद्र 184 करोड़, सीवर लाइन व नाले के पानी के लिए अलग लाइन 550 करोड़, अंडर ग्राउंड केबिल वायरिंग 1400 करोड़ है।इसके अलावा कई अन्य योजनाएं भी प्रस्तावित है।इस संबंध मे अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव आर पी सिंह ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दौरे पर उनको अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट 2047 दिखाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए विशेष रूप से प्रजेंटेंशन तैयार कराया जा रहा है।राष्ट्रपति को विजन डॉक्यूमेंट दिखाकर उनके निर्देश व सुझाव को डॉक्यूमेंट में सम्मिलित किया जाएगा।

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