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अयोध्या।(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या)
आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के निदेशक डॉ सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह,संयुक्त निदेशक डॉ अजय कुमार सिंह के साथ ही साथ सहायक निदेशक श्रीमती दीपा तिवारी,एसआरजी डॉक्टर अम्बिकेश त्रिपाठी शोध प्रवक्ता डॉ प्रदीप जायसवाल तथा सहायक प्रोफेसर डॉ सौरभ मालवीय की उपस्थिति में अनुभूति पाठ्यक्रम/ हैप्पीनेस करिकुलम के विकास की ऑनलाइन बैठक सम्पन्न हुई।जिसमे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा परिचर्चा की गई।पूरे विश्व मे आज इसी बात की चिंता है कि हम अपने मानवीय मूल्यों को लगातार खोते जा रहे हैं । हमारी संवेदनाएं हर स्तर पर कम होती जा रही हैं । वास्तव में हमे इसे स्थापित करने के लिए शुरुआत बच्चों से ही करनी होगी।निश्चित तौर पर अनुभूति पाठ्यक्रम के द्वारा हम सतत रूप से बच्चों व बड़ों में खुशी को बनाये रखने हेतु कार्य कर पाने में सफल होंगे।हमारे देश की संस्कृति ही मानवीय मूल्यों पर ही आधारित है।सन्तोष परम सुखं।जब हम अपने कार्य दायित्व,आचरण व घर -परिवार से संतुष्ट होते हैं।तो हमे सुख की अनुभूति होती है।जब हम किसी की मदद बिना किसी स्वार्थ के करते है तो हमे असीम खुशी प्राप्त होती है।कभी कभी कक्षा कक्ष में किसी जटिल विषय को बच्चों द्वारा सीख लेने पर असीम आनंद प्राप्त होता है। किसी गणित के कठिन सवाल को स्वयं से हल करने से बहुत ही अद्भुत आनंद मिलता है।हर पल किये जाने वाले छोटे – छोटे कार्यों की सफलता पर हमें खुशी मिलती है।सबसे कठिन कार्य खुशी को बनाये रखना है।हम बच्चों को तथा स्वयं को अलग अलग परिस्थितियों में खुश कैसे रख सकते हैं, इसपर हमें अधिक कार्य करने की आवश्यकता है।वही संज्ञानात्मक व मनोक्रियात्मक पक्षों के साथ साथ भावात्मक पक्षो पर जोर देने की बात की गई है।इस पाठ्यक्रम के माध्यम से हम निश्चित रूप से स्वयं तथा बच्चों में हर परिस्थिति में सामंजस्य स्थापित करते हुए खुशी की अनुभूति करा पाने में सफल होंगे।