अधिक शुल्क वसूली पर भड़के समाजवादी छात्र नेता, सौंपा ज्ञापन

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अयोध्या।(डा.अजय तिवारी जिला संवाददाता) 
साकेत महाविद्यालय में चल रही स्नातक की प्रवेश प्रक्रिया में अधिक शुल्क वसूलने का आरोप छात्र नेताओं ने लगाया है। इसके खिलाफ समाजवादी छात्रसभा आगे आ गई है। महानगर अध्यक्ष शिवांशु तिवारी की अगुवाई में छात्रनेताओं ने शुक्रवार को प्राचार्य डॉ.अभय सिंह से मिल कर प्रवेश के दौरान अधिक शुल्क वसूलने का आरोप लगाया। इसे वापस लेने की मांग की।इस मौक पर शिवांशु का कहना है कि गत वर्ष की तुलना में महाविद्यालय प्रशासन अधिक शुल्क वसूल रहा है। तकरीबन आधे घंटे तक प्राचार्य व छात्रनेताओं में बातचीत हुई। प्राचार्य का कहना है कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद एक वर्ष में विद्यार्थियों को दो बार परीक्षा देनी होगी। इस वजह से परीक्षा शुल्क का दो गुना लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले परीक्षा शुल्क आठ सौ लिया जाता था, अब इसकी दो गुनी राशि ली जा रही है। साथ ही वोकेशनल कोर्स के संचालन के लिए प्रति छात्र पांच सौ रुपये लिये जा रहे हैं। बताया कि कुल 1320 रुपये ही लिए जा रहे हैं। बताया कि सरकार की गाइड लाइन के क्रम में वोकेशनल कोर्स संचालित करने के लिए महाविद्यालय को स्वत: संसाधन जुटाने हैं। इसके बिना कोर्सों का संचालन नामुमकिन है। ज्ञापन देने वालों में समाजवादी छात्र सभा के महानगर महासचिव मोहित यादव, यश वर्मा, विशाल यादव, चंद्रभान यादव, अभय, पंकज, सौरभ, भास्कर, सूरज सिंह आदि मौजूद रहे।अयोध्या: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेताओं ने साकेत महाविद्यालय में हुई शुल्क वृद्धि को लेकर प्राचार्य डॉ.अभय कुमार सिंह को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर छात्रसंघ उपाध्यक्ष विशाल कुमार वैश्य ने कहा कोविड-19 के बाद अभी परिस्थितियां सामान्य भी नहीं हुई हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन ने शुल्क बढ़ा दिया। इस निर्णय से छात्रों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने महाविद्यालय प्रशासन के शुल्क वृद्धि के फैसले को गैर जिम्मेदाराना बताया। कहा, विद्यार्थी परिषद इस वृद्धि का विरोध करती है। महानगर सहमंत्री सत्यम दुबे ने कहा यदि महाविद्यालय प्रशासन शुल्क वृद्धि को वापस नहीं लेता है तो परिषद आंदोलन को बाध्य होगी। इस मौके पर छात्रसंघ मंत्री राजहंस मिश्र, महानगर सहमंत्री आकाश शुक्ला, सौरभ तिवारी बाबा, अमन गुप्ता, विशाल सोनी, आयुष सिंह, विशाल विश्वकर्मा, किशन प्रमुख रूप से रहे।

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