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अयोध्या (संवाददाता) सुरेंद्र कुमार। अयोध्या के चार थानों में बंद मूर्तिया अब भी इंतजार में बैठी है।500 वर्षों के बाद राम मंदिर का निर्माण शुरू हो तो वहीं 28 वर्षों से विवादित ढांचा विध्वंस के कारण भगवान रामलला सरकार की बंदिशों में रहे हैं। आज उनका भव्य दिव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू लेकिन आज भी अयोध्या ही नही बल्कि पूरे प्रदेश की माने तो अधिकतर थानों में विराजित होने वाले भगवान की पूजित शिलाएं व मूर्तियां विभिन्न थानों में कैद और रिहाई का इंतजार कर रहे हैं।
भगवान सब के तारणहार माने जाते हैं लेकिन आज सब के दुखों को हरने वाले भगवान राम हो या फिर भगवान श्री कृष्ण या अन्य कोई सभी की प्रतिमाएं कलयुग में स्वयं अपने उद्धार की प्रतीक्षा में है। यहाँ प्रतिमाएं कहीं और नही बल्कि सुरक्षा करने के लिए बने थाने के मालखाने में लंबे अरसे से बंद है। जहां पर मंदिर की तरह न ही पूजा होती है और न ही शरीर कर चन्दन का लेप लग रहा है। वहीं उनको भोग भी नही दिया जा रहा है। मालखानों में प्रतिमाएं के संबंधित कोई व्यवस्था नही है।
अयोध्या में भी भगवान के कई रूप विराजमान हैं लेकिन यहां की सुरक्षा में तैनात थानों में भी भगवान श्री राम की मूर्तियां आज भी अपने पूजा के इंतजार कर रही है। अधिकारियों की माने तो यह प्रतिमाएं कोई न कोई विवाद के कारण मालखाने में जमा हैं। जिसका फैसला स्थानीय स्तर पर नही करा सकती है।इसका खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय पेपर के द्वारा जनसूचना के तहत जानकारी मांगी। जो कि लंबे वर्षों से भी कई प्रतिमाएं कैद है। अब उन्हें आजाद करने का समय आ गया है। अयोध्या जनपद के कई थानों में कुल 10 से अधिक प्रतिमाएं मालखाने में बंद पड़ी है। जिसके तहत अयोध्या नगर कोतवाली में किसने महावीर स्वामी और बुध प्रतिमा है वह कुमारगंज हनुमान जी का रखी हुई है और राम जानकी लक्ष्मण इंतजार कर रही है। अयोध्या के विभिन्न थानों में बंद प्रतिमाओं को लेकर जानकारी देते हुए शक्ति शैलेश कुमार पांडे ने बताया कि हिंदू धर्म में मूर्ति पूजा का एक अलग विधि विधान है जिसके तहत ठंडी मूर्तियां और प्रतिमाओं पूजा नहीं की जाती है प्राण प्रतिष्ठा के बाद गर्भ धरण स्थापित होने पर प्रतिमा का पूजन अर्चन भूख की व्यवस्था की जाती है लेकिन माल खानों में रखते हुए बरामद मूर्तियां खंडित होती हैं लेकिन जल्द ही मंदिरों में स्थापित किया जाएगा।