प्रेक्षागृह में भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया गया

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देश की उपासना न्यूज़ 

जौनपुर 23 मार्च 2022 (सू0वि)

भारत की आजादी के 75 वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। आज भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले राजगुरु सुखदेव, भगत सिंह का प्राणोत्सर्ग दिवस है। कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में ग्रामीण परिवेश में रह रहे बच्चों के शैक्षिक संवर्धन हेतु स्वयं व उनके शिक्षकों व अभिभावकों के द्वारा अभिनीत लगभग डेढ़ घंटे की जिला बेसिक शिक्षा विभाग की अगुवाई तथा मिशन शिक्षण संवाद के संरक्षण में निर्मित बाल फिल्म बालसेना का विमोचन व लोकार्पण जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व सांस्कृतिक, साहित्यिक रुचि रखने वाली अध्यक्ष आकांक्षा समिति डा0 अंकिता राज के कर कमलों से हुआ जिसमें जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ0 गोरखनाथ पटेल, सभी खंड शिक्षाधिकारी, सभी शिक्षाखंडों के ए आर पी, जनपद के शिक्षक व शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम दीप प्रज्वलन हुआ तथा सरस्वती गीत के साथ प्राथमिक विद्यालय सुदनीपुर, मड़ियाहूं के बच्चों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया।

मुख्य अतिथि जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा की फिल्में आज हमारे समाज को दशकों से प्रभावित करती आ रही हैं। फिल्म से बच्चों का बड़ा लगाव रहता है। युवाओं के बीच भी फिल्मों ने बड़ा महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग जौनपुर की पहल पर इस तरह शिक्षकों व ग्रामीण क्षेत्र के अभिभावकों की रुचि देखकर बहुत अच्छा लगा। हमारे सहयोग की जो भी अपेक्षा होगी हम सदैव खड़े मिलेंगे। उद्बोधन के तत्पश्चात फिल्म से संबंधी पोस्टर्स व सी डी का विमोचन किया गया। फिल्म के निर्देशक व चिंतक शिवम सिंह द्वारा मुख्य अतिथि महोदय को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।एल ई डी स्क्रीन पर बहुप्रतीक्षित फिल्म का प्रदर्शन का शुभारंभ हुआ। सामाजिक कटुता समाप्त करने, भ्रष्टाचार मुक्त समाज, परिवार निर्माण को लेकर निर्मित फिल्म ने छत्रपति शिवाजी की तरह छोटी सेना के साथ बड़ी सेना का मुकाबला करने का साहस भर, बच्चों को हो रहे अत्याचार के खिलाफ खड़ा कर दिया। परिवार में हो रहे प्रतिदिन के वाद विवाद, शराबखोरी, शोषण को समाप्त कर प्रगति पथ पर लाने की दिशा में एकता के साथ कदम परिवर्तन ला दिया। यदि संघर्ष ईमानदारी के साथ होगा तभी सफलता मिल सकती है।
सहायक शिक्षा निदेशक अब्दुल मुबीन जी ने उद्बोधन में कहा यह शिक्षकों व बच्चों का प्रयास है जिनके़ द्वारा कोरोना कल में विद्यालय के समय के बाद भी कार्य किया। प्राथमिक विद्यालय लखेसर सिकरारा, जौनपुर के शिक्षक शिवम सिंह के इस सुंदर प्रयास की सराहना किया। उन्होने कहा कि फिल्म निर्माण असाधारण कार्य है। ईश्वर द्वारा प्रदत्त अद्भुत कला है जिससे बिना किसी खर्च के पर्दे पर उन मुद्दों को लाने का प्रयास है जिसे हम आँखों से नहीं देख पाते कि हमारे बच्चे किनपरिस्थितियों का सामना कर रहे हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग जौनपुर के मुखिया जिनकी अगुआई में फिल्म निर्माण को शैक्षिक संवर्धन के सशक्त माध्यम के रूप में आगे बढ़ाया जा रहा है डॉक्टर गोरखनाथ पटेल ने कहा इसी टीम ने एक वर्ष पहले वर्तमान प्रयागराज के जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी जी की अगुआई में हमार बिटिया हमार मान लिंगभेद जैसे बहुत ही संवेदनशील विषय पर समाज सुधारक फिल्म बनाई थी। आज बेसिक शिक्षा विभाग जौनपुर यह कहने में गर्व महसूस कर रहा है कि हमारे शिक्षक बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

शहीद दिवस पर प्राथमिक विद्यालय देवापट्टी के बच्चों ने कार्यक्रम प्रस्तुत किया तथा प्राथमिक विद्यालय सुल्तानपुर के छात्र बेलाल खाँ ने देश के नाम गायन प्रस्तुत कर मन मुग्ध कर दिया। कलाम साहब के नाम संदेश शिक्षक रमेश कुमार यादव पूर्व माध्यमिक विद्यालय भटौली ने प्रस्तुतकर देशभक्ति का जज्बा पैदा कर दिया। महिला शक्ति कविता का पाठ शिक्षिका उत्तमा चतुर्वेदी प्राथमिक विद्यालय बिसावां ने तथा शिक्षक व फिल्म बालसेना के पटकथा/संवाद लेखक प्रेम चन्द्र तिवारी ने फिल्म के उद्देश्य, आवश्यकता, सहयोग पर अपने अंतर्मन की अभिव्यक्ति से लोगों के बीच इसके औचित्य को बताया तथा सबके साथ का आह्वान किया। जनपद जौनपुर की एक अद्भुत उपलब्धि बोलती किताब का उल्लेख करते हुए तिवारी जी ने कहा कि यह अभी तक कि सबसे सुंदर पहल है जब बच्चे किसी पाठ का अध्ययन सुनकर कर सकेंगे। बेसिक शिक्षकों ने शिक्षण के साथ साथ काव्य रचनाएँ भी कर रखी हैं। परवाज आन लाइन काव्यमंच है जहाँ सैकड़ों शिक्षक अपना काव्यपाठ कर चुके हैं।

फिल्म में मुख्य भूमिका शिवम सिंह, सौम्या सिंह, राकेश सिंह, उत्तमा चतुर्वेदी, प्रेम तिवारी, आशीष मौर्या, अरविंद गुप्ता, नूपुर श्रीवास्तव, मुकेश दुबे, अमर यादव ने निभाई है। बालकलाकार हैं किरण यादव, दर्शन, अथर्व, खुशी, लक्ष्मी, गौरी, अहम, आदित्य मिश्रा। सहायक भूमिका में हैं सीमा उपाध्याय, राजकुमार पांडेय, रमेश यादव, ओम प्रकाश यादव, श्रीकान्त विश्वकर्मा, राजेश मिश्र (अध्यक्ष), मदन मिश्र, विनोद सिंह, प्रवीण कुमार, विकास तिवारी (शेरू)।
इस फिल्म में शिवम सिंह ने फिल्म के तकनीकी प्रयोग व भावनात्मक संबंधों पर भावपूर्ण अभिव्यक्ति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। फिल्म की संकल्पना से लेकर इसके साकार रूप लेने तक के सफर को व्याख्यायित कर उन्होंने टीम को धन्यवाद ज्ञापित किया।

इसके बाद बच्चों द्वारा जटायू का मंचन हुआ। छात्रों अभिभावकों को सम्मानित किया गया जिन्होंने इस फिल्म के निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाई। कोरोनाकाल में अपनी जान की परवाह किए बिना जिन शिक्षक साथियों ने अनवरत रोगियों की देखभाल की उन्हें भी सम्मानित किया गया। इस बेहद सफल कार्यक्रम का कुशल संचालन रमेश यादव सागर व नूपुर श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया। अंत में टीम द्वारा आये हुए लोगों के प्रति आभार ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख किरदार रहे स्यामिनी सिंह, लालबहादुर यादव, राजेश उपाध्याय, वीरेंद्र कुमार सिंह।

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