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16 फरवरी – श्रीरामचरितमानस,
नमो राघवाय 🙏
मम गुन गावत पुलक सरीरा
गदगद गिरा नयन बह नीरा ।।
काम आदि मद दंभ न जाकें ।
तात निरंतर बस मैं ताकें ।।
( अरण्यकांड 15/6)
राम राम 🙏🙏
दंडक वन में प्रवास के दौरान लक्ष्मण जी एक दिन राम जी से ज्ञान , भक्ति व वैराग्य के बारे में राम जी से पूछते हैं । सब कुछ बताने के बाद राम जी कहते हैं कि मेरा गुण गाते समय जिसका शरीर पुलकित हो जाय , वाणी प्रसन्न व प्रेम के आशूँ निकलने लगे , जिसमें काम , मद व दम्भ आदि न हो , लक्ष्मण! मैं सदा उसके वश में रहता हूँ ।
राम कृपा पाने के लिए हम सब लालायित रहते हैं , उसकी प्राप्ति के कुछ लक्षण भगवान ने खुद बताए हैं । हम अपनी समीक्षा करें , अपना प्रभु प्रेम बढ़ाए व राम कृपा पाने के पात्र बनें । अतएव! जय जय राम, जय जय राम 🚩
संकलन तरुण जी लखनऊ
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