श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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27 फरवरी – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

बन दुख नाथ कहे बहुतेरे ।
भय विषाद परिताप घनेरे ।।
प्रभु वियोग लवलेस समाना ।
सब मिलि होहिं न कृपानिधाना ।
( अयोध्याकाण्ड 65/3)
राम राम 🙏🙏
कैकेई ने दो वरदान माँग लिए हैं , राम जी ने कौशल्या माँ से आज्ञा ले ली है , सीता जी आती हैं व साथ चलने की ज़िद करती हैं । राम जी उन्हें वन के दुख बताते हैं । सीता जी कहतीं हैं कि स्वामी ! आपने वन के बहुत से दुख बताए , वन में पड़ने वाले बहुत से भय , कष्ट बताए । परंतु यह सब दुख मिलकर भी आपके वियोग से होने वाले दुख के लवलेश के समान भी नहीं हैं ।
सबसे बड़ा दुख राम वियोग है । राम जी का साथ हैं तो सब सुख साथ हैं अन्यथा जीवन में विपत्ति ही विपत्ति है । अतएव किसी भी हाल में प्रभु का साथ न छूटे, वे सदा स्मरण में रहें , यही हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए ।अस्तु राम राम जय राम राम 🚩🚩🚩

संकलन तरुण जी लखनऊ

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