श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
7 मार्च – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई ,
नमो राघवाय 🙏

सातवँ सम मोहि मय जग देखा ।
मोतें संत अधिक करि लेखा ।।
आठवँ जथालाभ संतोषा ।
सपनेहुँ नहिं देखइ परदोषा ।।
( अरण्यकांड 35/2)
राम राम 🙏🙏
सीता जी को खोजते हुए राम जी शबरी माँ के आश्रम पहुँचे हैं । शबरी जी को नवधा भक्ति बताते हुए राम जी कहते हैं कि सातवीं भक्ति जगत को समभाव से राममय देखना तथा संतों को मुझसे अधिक मानना । आठवीं भक्ति जो कुछ मिल जाय उसमें संतोष करना व स्वप्न में भी परदोष न देखना है ।
जब आप राम जी को अपना सब कुछ मानने लगेंगे तो सब जगह आपको राम दर्शन होगा , सब कुछ राममय ही दीखेगा । जब सब कुछ राममय लगने लगता है तब संतोष का पदार्पण होता है और परदोष दर्शन भी बंद हो जाता है । अतएव सातवीं व आठवीं भक्ति पानी है तो जगत में सबकुछ राममय जानें व मानें । अस्तु राम राम जय राम ही राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी, लखनऊ

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