श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

Getting your Trinity Audio player ready...

7 अगस्त – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

धन्य जनमु जगतीतल तासू ।
पितहि प्रमोदु चरित सुनि जासू ।
चारि पदारथ करतल ताकें ।
प्रिय पितु मातु प्रान सम जाकें ।।
( अयोध्याकाण्ड 45/1)
जय जय सियाराम 🙏🙏
कैकेई ने दशरथ जी से दो वर माँग लिए है । दशरथ जी मना रहे हैं कि राम किसी भी तरह वन न जाएँ । राम जी आते हैं , कैकेई सब बताती है , वे दशरथ जी से कहते हैं कि इतनी छोटी बात के लिए आपने दुख पाया । इस जगत में उसका जन्म धन्य है जिसके चरित्र को सुनकर पिता को आनंद मिले । जिसको माता-पिता प्राणों के समान प्रिय होते हैं , धर्म अर्थ काम मोक्ष उसके मुठ्ठी में रहते हैं ।
राम जी धर्म हैं , जो धर्म का पालन करता है वह माता-पिता की भी आज्ञा पालन करता है । माता-पिता की आज्ञा पालन करने वाले के जीवन में सब कुछ सहज ही प्राप्त हो जाते हैं । माता-पिता को भी वही प्रेम करता है जो राम प्रेमी होता है ।अस्तु! प्रेम करें, राम जी से प्रेम करें । अथ ! श्रीराम जय राम जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *