सर्वोच्च न्यायालय के आदेश आरक्षण को अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उप वर्गीकरण को लेकर सपा बसपा व अन्य पार्टियों ने किया विरोध प्रदर्शन

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ब्यूरो प्रमुख
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश आरक्षण को अनुसूचित जाति एवं जनजाति के उप वर्गीकरण को लेकर सपा बसपा व अन्य पार्टियों ने किया विरोध प्रदर्शन

जौनपुर ,21 अगस्त । बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी द्वारा बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले अनुसूचित जाति एवं जनजाति को भारत के संविधान द्वारा दिए गए आरक्षण को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उपवर्गीकरण करके राज्य सरकार अपने हिसाब से क्रीमी लेयर लागू करके आरक्षण की व्यवस्था लागू कर सकते हैं को लेकर राजनीतिक पार्टियों द्वारा शहर के विभिन्न जगहों पर जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन किया गया। एक बड़ा विशाल जुलूस नगर भ्रमण करते हुए बाबा साहब अमर रहे बाबा साहब जिंदाबाद के नारे लगाते हुए कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचा। जहां बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर जिला अध्यक्ष व सपा के जिला अध्यक्ष द्वारा संयुक्त रूप से महामहिम राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से उनके प्रतिनिधि सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह को सौंपा । सभा को संबोधित करते हुए सपा बसपा के नेताओं ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मांग किया है कि
अनुसूचित जाति एवं जनजाति को भारत के विधानद्वारा दिए गयेक्षणको अनुसूकि जाति एवं अनुसूचित जनजाति में उपवर्गीकरण करके राज्य सरकारें अपने अपने हिसाब से क्रीमी लेयर लागू करके आरक्षण की व्यवस्था लागू कर सकते है।ऐसा होने को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 व 342 का सीधा सीधा चयन होगा।
वर्गीकरण से हम जातियों के भीतर अलग-अलग व्यवहार करके समानता के अधिकार का उल्लघंन होगा। मा० सुप्रीम कोर्ट के 01 अगस्त 2024 के इस निर्णय के बाद केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच भी मतभेद की स्थिति उत्पन्न होगी। क्योंकि अभी तक केवल संसद के पास ही किसी भी जाति को अनु० जाति व जनजाति में सम्मिलित करने या बाहर करने का अधिकार है। जिसे मा० राष्ट्रपति द्वारा अपने आदेशों द्वारा क्रियान्चित किया जाता है।

01 अगस्त 2024 के इस निर्णय के बाद जिन प्रदेशों में जिस प्रकार की सरकारें रहेगी अपने अपने वोट बैंक के लिए अपनी मनचाही जातियों को आरक्षण का अनुचित लाभ देने प्रयास करेगी।
इस आदेश से ऐसी अनेक तमाम समस्याएं अपन्न होगी। जिसके कारण एस०सी०एस०टी० का जिसका मिला आरक्षण ही समाप्त हो जायेगा। और अन्त में इसका नतीजा यह होगा कि इनके हिस्से का आरक्षण सामान्य वर्ग की ही दे दिया जाएगा।

माननीय सुप्रीम कोर्ट के 01 अगस्त 2024 के फैसले से पूरे भारत देश में खासकर एस०सी० एस०टी० व ओ०बी०सी० समाज में हताशा निराशा व आक्रोश व्याप्त है तथा इस बात का भी भय बना हुआ है कि बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर द्वारा संविधान में सामाजिक, शैक्षणिक, गैर बराबरी एवं छुवाछुत स्तर पर दिया गया आरक्षण ही खत्म न हो जाए।
हम सभी निवेदन करते हैं कि भारत देश के समस्त एस०सी० एस०टी० की भावनाओं व संवैधानिक अधिकार को ध्यान में रखते हुए मा० सर्वोच्च न्यायालय के 01 अगस्त 2024 के फैसले को निष्प्रभावी बनाने हेतु भारत सरकार को निर्देशित करने की कृपा करें कि तत्काल संसद का विशेष सत्र बुलाकर संविधान संशोधन कर इसे नौवीं अनुसूची में शामिल करें जिससे एस०सी०, एस०टी० वर्गों के सम्बन्ध में भविष्य में किसी भी प्रकार का छेड़-छाड, क्रिमीलेयर व उपवर्गीकरण करने का अधिकार किसी को भी न हो। साथ ही क्लोजियम सिस्टम खतम कर मा० सर्वोच्च न्यायालय एवं माननीय उच्च न्यायालयों में न्यायधीसों की नियुक्ति में भी एस०सी० एस०टी० व ओ०बी०सी० आरक्षण लागू कर सभी को भागीदारी सुनिश्चित कराने की विशेष कृपा करें।

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