श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

Getting your Trinity Audio player ready...

17 सितम्बर- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

देखि बुद्धि बल निपुन कपि
कहेउ जानकीं जाहु ।
रघुपति चरन ह्रदयँ धरि
तात मधुर फल खाहु ।।
( सुंदरकांड , दो 17)

जय जय राम 🙏🙏
हनुमान जी विभीषण जी के बताए गये के उपाय अनुसार अशोक वाटिका पहुँचे हैं , राम मुद्रिका माँ को दी है , राम जी का संदेश दिया है और राम जी के शीघ्र आने की बात कही है । सीता जी प्रसन्न होकर हनुमान जी को आशीर्वाद देती हैं , हनुमान जी कृतार्थ होते हैं , वाटिका के फल खाने की अनुमति माँगते हैं । हनुमान जी को बल बुद्धि में कुशल देखकर सीता जी कहती हैं कि राम चरणों को ह्रदय में धारण कर मीठे फल खाओ ।
आपमें कितना भी बल व बुद्धि क्यूँ न हो जब तक राम चरणों को अपने हृदय में आप धारण नहीं करेंगे तब तक जगत की वस्तुएँ मीठी नहीं होगी । अतएव जीवन को मधुर बनाना चाहते हैं तो पहले राम चरणों को धारण करें । अथ ! श्रीराम जय राम जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *