श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई

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9 अक्टूबर – श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏

एहिं कलिकाल न साधन दूजा ।
जोग जग्य जप तप ब्रत पूजा ।।
रामहि सुमिरिअ गाइअ रामहि ।
संतत सुनिअ राम गुन ग्रामहि ।।
( उत्तरकांड 129/3)
राम राम 🙏
राम कथा पूर्ण करते हुए तुलसी बाबा कहते हैं कि इस कलियुग में योग , यज्ञ , जप तप , व्रत व पूजा आदि कोई दूसरा साधन नहीं है । केवल राम सुमिरन , राम गुणगान तथा सतत राम जी के गुणों को सुनना चाहिए ।
इस कलियुग में प्रभु कृपा पाने का एक मात्र साधन राम नाम है । ऐसे में केवल राम नाम का आश्रय लें तथा स्मरण, गायन व निरंतर राम जी के गुणों को श्रवण करें । अस्तु! जय जय राम , जय जय राम 🚩🚩🚩
संकलन तरूण जी लखनऊ

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